Senior Citizen पर पड़ने वाला है ज्यादा Tax का बोझ, जानिए कितना होगा नुकसान
नयी दिल्ली। बहुत जल्द वरिष्ठ नागरिकों पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है। असल में वरिष्ठ नागरिकों को अपनी इनकम पर ज्यादा टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) देना होगा। 1 जुलाई से टीडीएस के नये नियम लागू होने जा रहे हैं। इन नियमों के तहत सुपर सीनियर सिटीजेन (80 साल या इससे अधिक) की ब्याज इनकम पर बैंक अधिक टीडीएस काट सकते हैं। नया नियम उन मामलों में कोई छूट नहीं देते हैं जिनमें कोई व्यक्ति आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए पात्र नहीं है। इसीलिए बैंक सुपर सीनियर वरिष्ठ नागरिकों की ब्याज इनकम पर ऊंची दर पर टीडीएस काट सकते हैं। आम तौर पर वरिष्ठ नागरिक रिटायरमेंट पूंजी पर मिलने वाले ब्याज पर निर्भर होते हैं। ऐसे में ये वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ा झटका होगा।
क्या है वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स का नियम
5 लाख रुपये तक की टैक्स योग्य इनकम वाले वरिष्ठ नागरिक अब जमा राशि पर होने वाली ब्याज इनकम पर टीडीएस से छूट के लिए क्लेम करने के लिए बैंकों और डाकघरों में फॉर्म 15एच जमा कर सकते हैं। हालांकि सुपर वरिष्ठ नागरिक के मामले में जहां आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, उन्हें आईटीआर दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है। 80 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को आयकर से छूट दी गई है और उनके लिए आईटीआर दाखिल करना आवश्यक नहीं है।
इसलिए कटेगा ज्यादा टीडीएस
हालाँकि नए प्रस्तावित टीडीएस नियमों में उन मामलों में लोगों को कोई छूट नहीं दी गयी है जिनमें व्यक्ति को आईटीआर (सुपर वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) दाखिल करने के लिए पात्र नहीं है। इसीलिए यह संभव हो सकता है कि बैंक उनकी ब्याज आय पर अधिक टीडीएस काटें। 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कि ब्याज इनकम पर कोई टैक्स न काटा जाए, वित्त वर्ष की शुरुआत में बैंक के पास फॉर्म 15एच जमा करना होगा।
अभी कितना कटता है टीडीएस
यदि किसी वित्त वर्ष में आपकी ब्याज इनकम 40000 रु से ज्यादा हो तो बैंक 10 फीसदी टीडीएस काटते हैं। वरिष्ठ नागरिकों को 50 हजार रु की ब्याज इनकम पर इतना टीडीएस देना होता है। यानी अगर आपको 2 लाख रु ब्याज मिला तो 20000 रु टीडीएस के कट जाएंगे। मगर अब संभावना है कि बैंक 10 फीसदी से बढ़ा कर 20 फीसदी टीडीएस काटना शुरू कर सकते हैं।
बजट में दी गयी छूट
केंद्रीय बजट 20201 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि वरिष्ठ नागरिकों पर नियमों के अनुपालन का बोझ कम करने के लिए 75 वर्ष या इससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर दाखिल करने से छूट दी जाएगी। ये फायदा केवल पेंशन और ब्याज आय पाने वालों को मिलेगा। ऐसे वरिष्ठ नागिरकों को आईटीआर दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी।
कटता रहेगा टैक्स
75 साल या इससे अधिक आयु वालों को आईटीआर दाखिल करने से छूट दी गयी है। मगर टैक्स से नहीं। ब्याज इनकम देने वाला बैंक उनकी आय में से जरूरी टैक्स काट लेगा। केवल उन्हें आईटीआर दाखिल करने की मेहनत से छूट होगी।
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