महंगा पड़ेगा पुरानी Gold ज्वैलरी बेचना, जानिए नया टैक्स
सोने-चांदी के भाव में तेजी का दौर जारी है। सोने के दाम इस वक्त आसमान छू रहे हैं। अगस्त के पहले हफ्ते तक 56 हजार के पार पहुंचने के बाद इस हफ्ते सोना 52 हजार के पास पहुंच गई है।
नई दिल्ली: सोने-चांदी के भाव में तेजी का दौर जारी है। सोने के दाम इस वक्त आसमान छू रहे हैं। अगस्त के पहले हफ्ते तक 56 हजार के पार पहुंचने के बाद इस हफ्ते सोना 52 हजार के पास पहुंच गई है। घरेलू बाजारों में ऊंचाई पर जाने के बाद अब सोने के दाम गिर रहे हैं।
वैश्विक बाजार में सोने की कीमत में गिरावट के बाद घरेलू बाजार में गिरावट आ रही है। तो गिरावट के बाद अगर आप ज्वैलरी खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वूपर्ण है। पुराने सोने के आभूषण या सोना बेचने पर मिलने वाली राशि पर आने वाले समय में तीन प्रतिशत जीएसटी चुकाना पड़ सकता है। बता दें कि आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।
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पुराने सोने और आभूषणों की बिक्री पर 3 फीसदी का लगेगा जीएसटी
हाल ही में राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) में पुराने सोने और आभूषणों की बिक्री पर तीन प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के प्रस्ताव पर लगभग सहमति बन गई है। केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने यह जानकारी दी है। मंत्री समूह में केरल, बिहार, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री शामिल हैं। इस मंत्री समूह का गठन सोने और बहुमूल्य रत्नों के परिवहन के लिए ई-वे बिल के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए किया गया था। मंत्री समूह की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई। जिसमें यह तय किया गया है कि पुराने सोने की बिक्री पर 3 फीसदी का जीएसटी आरसीएम (रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म) के द्वारा लगाया जाए। अब कमेटी के अधिकारी इसके तौर-तरीकों पर विचार करेंगे।' यानी नई व्यवस्था लागू होने के बाद अगर कोई ज्वैलर पुराने आभूषण आपसे खरीदता है तो वह रिवर्स शुल्क के रूप में तीन फीसदी जीएसटी आपसे वसूल करेगा। आप एक लाख रुपए की पुराने आभूषण बेचते हैं तो जीएसटी के रूप में 3000 रुपए काट लिए जाएंगे।
दुकानदारों के लिए ई-वे बिल भी अनिवार्य
जीओएम ने यह भी फैसला किया है कि सोने और आभूषण की दुकानों को प्रत्येक खरीद और बिक्री के लिए ई-इनवॉयस (ई-बिल) निकालना होगा। यह कदम टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया जा सकता है। अभी भी छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों में कई जगह सोने की बिक्री के बाद दुकानदार कच्चा बिल देते हैं। यह पूरी प्रक्रिया कर चोरी रोकने और काला धन खपाने के लिए होती है। अब इस पर रोक लगाने के लिए ई-बिल निकालना अनिवार्य करने की तैयारी है। जानकारी दें कि बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, 'यह फैसला किया गया है कि यदि कोई राज्य सोने के लिए ई-वे बिल का क्रियान्वयन करना चाहता है, तो वह राज्य के भीतर सोने को एक जगह से दूसरी लगह भेजने के मामलों में ऐसा कर सकता है। हालांकि, जीओएम का मानना है कि एक राज्य से दूसरे राज्य में सोने के परिवहन के लिए ई-वे बिल का क्रियान्वयन व्यावहारिक नहीं होगा।
सोना दिवाली तक पहुंच सकता 65,000
कोरोना संकट के चलते दिवाली तक सोने का भाव 65000 रुपये प्रति दस ग्राम पहुंच सकता है। सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि मौजूदा गोल्ड-सिल्वर रेशियो से यह पता चलता है कि चांदी की कीमत ज्यादा नहीं है और कमोबेश यह न्यूट्रल है। सोने में तेजी जारी रहेगी। वैश्विक बाजार में सोने का टार्गेट प्राइस 2100 डॉलर प्रति औंस है। दिसंबर तक भाव 2,350 डॉलर तक जा सकता है। ऐसे में भारतीय बाजार में सोना दिवाली तक 65,000 पहुंच सकता है, जबकि चांदी 90,000 छू सकती है। कोरोना महामारी के चलते वैश्विक मांग घटने से जुलाई में देश से रत्नों और आभूषणों का निर्यात 38.10 प्रतिशत कम होकर 1.35 अरब डॉलर (लगभग 10,185 करोड़ रुपये) पर आ गया। साल भर पहले जुलाई में यह निर्यात 2.2 अरब डॉलर यानी लगभग 15,112 करोड़ रुपये था। देश के कुल निर्यात में इस क्षेत्र का योगदान लगभग 15 प्रतिशत है। इससे भारत के कुल राजस्व पर भी असर होगा।