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चीन के भारत में निवेश पर सेबी हुआ सख्त, मांगी पूरी जानकारी

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नयी दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में अमीर चीनी निवेशकों द्वारा निवेश किये जाने का मामला तूल पकड़ रहा है। मामले को देखते हुए शेयर बाजार रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कस्टोडियन बैंकों से कहा है कि वे चीन और हांगकांग में स्थित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के मुख्य लाभकारी मालिकों (यूबीओ) की डिटेल का खुलासा करें। सेबी का ये रिएक्शन चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना, चीन की मोनेट्री अथॉरिटी, द्वारा एचडीएफसी में 1 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी खरीदने के तुरंत बाद आया है। एचडीएफसी भारत की प्रमुख एनबीएफसी कंपनी है, जिसे प्रमुख निवेशक निवेश के लिए एक प्रमुख शेयर मानते हैं।

कस्टोडियन कंपनियां रखती हैं यूबीओ का रिकॉर्ड

कस्टोडियन कंपनियां रखती हैं यूबीओ का रिकॉर्ड

आम तौर मल्टी नेशनल कंपनी (एमएनसी) बैंक और भारतीय फाइनेंशियल सर्विस ग्रुप की यूनिट्स ही कस्टोडिन कंपनियां होती हैं, जो सेबी के पास रजिस्टर्ड विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) के फंड और सिक्योरिटीज को संभालती हैं। यही कस्टोडियन कंपनियां किसी एफपीआई में 25 फीसदी या उससे अधिक के सभी निवेशकों के यूबीओ का रिकॉर्ड रखती हैं। कस्टोडियन के पास एफपीआई में 10 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले निवेशक के पासपोर्ट और एडरेस की जानकारी होती है। कितनी प्रतिशत हिस्सेदारी को `उच्च-जोखिम वाले क्षेत्राधिकार' (High-Risk Jurisdiction) में वर्गीकृत करना ये कस्टोडियन बैंकों पर छोड़ दिया जाता है।

इसलिए उठ रहे सवाल
 

इसलिए उठ रहे सवाल

चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने एचडीएफसी में 1 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीद ली है। मगर इस सौदे पर सवाल उठने लगे हैं। धीरे-धीरे निवेशक, विश्लेषक और यहां तक कि राजनेता भी अब इस मामले में सवाल उठाने लगे हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक हमेशा भारतीय कंपनियों में, विशेष रूप से फाइनेंशियल कंपनियों, में बड़ी रकम का निवेश करते रहे हैं। मगर यहां मामला चीन का है। चीन सरकार के ही स्वामित्व वाले केंद्रीय बैंक ने किसी भारतीय कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी है।

जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया हुए सख्त

जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया हुए सख्त

हाल के महीनों में, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया (जो 2007 के बाद से चीनी निवेश का दूसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता रहा है) ने विदेशी निवेश पर नियम कड़े कर दिए हैं। कुछ दिनों पहले यूरोपीय यूनियन के एक अधिकारी कहा था कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को चीन के निवेश के खतरे का सामना करने के लिए कंपनियों में खरीदारी करनी चाहिए। इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रोकिंग सर्किल कहते हैं कि भारतीय लिस्टेड शेयरों में चीन की हिस्सेदारी की स्पष्ट तस्वीर पाने के लिए नियमित रूप से चीन और हांगकांग के सभी यूबीओ से एफपीआई (विभिन्न न्यायालयों से) की जानकारी मांगी जानी चाहिए।

Big Deal : चीन के सेंट्रल बैंक ने HDFC में खरीदी हिस्सेदारीBig Deal : चीन के सेंट्रल बैंक ने HDFC में खरीदी हिस्सेदारी

English summary

SEBI strict on China investment in India sought complete information

The stock market regulator Securities and Exchange Board of India (SEBI) has asked custodian banks to disclose details of the main beneficial owners (UBOs) of foreign portfolio investors (FPIs) based in China and Hong Kong.
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