SEBI ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग को किया बैन
सेबी (SEBI) मार्केट रेगुलेटरी ने एक बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल सेबी ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग को बैन कर दिया है। इस ब्रोकिंग फर्म पर 2000 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप सामने आए हैं। ये देश में अब तक का सबसे बड़ा इक्विटी ब्रोकर डिफॉल्ट है। सेबी ने कार्वी पर नए क्लाइंट्स जोड़ने से रोक लगा दी है। साथ ही, मौजूदा क्लाइंट्स के लिए ट्रेड्स करने पर पर भी पाबंदी लगाई है। आपको बता दें कि कार्वी पर क्लाइंट्स के शेयरों का दुरुपयोग करने के आरोप हैं।
तो वहीं सेबी के अनुसार कार्वी ने क्लाइंट्स के खाते में रखे शेयर बेचकर पैसा अपनी ग्रुप कंपनी कार्वी रियल्टी में ट्रांसफर किए हैं। कार्वी रियल्टी को अप्रैल 2016 से दिसंबर 2019 के बीच 1,096 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। KSBL पर ऑफ-मार्केट ट्रांसफर में ग्राहकों के गिरवी शेयर बेचने के भी आरोप सामने आए हैं। मार्केट रेगुलेटर ने एनएसडीएल, सीडीएसएल, बीएसई, एनएसई और एमसीएक्स सभी को भी निर्देश दिए हैं कि वे कार्वी के कोई भी निर्देश न मानें और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करें।
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इस बारे में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने कहा है कि कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने पावर ऑफ अटॉर्नी (पावर ऑफ अटॉर्नी) का गलत इस्तेमाल किया है। कार्वी ने अपने क्लाइंट का सिक्योरिटी अपनी सहायक कंपनियों की मदद से बेच दिया है। इससे मिलने वाले फंड को कंपनी ने अपनी जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया है।
आपको बता दें कि सेबी ने कहा, कार्वी स्टॉक ब्रोकरेज लिमिटेड ने इस बात को छिपाने के लिए जनवरी 2019 से लेकर अगस्त 2019 के दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को दिए गए सबमिशन में इसका कोई जिक्र नहीं किया है।
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