Corona Effect : SEBI ने कंपनियों से पूछा, बताएं कितना हुआ नुकसान
नयी दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टेड कंपनियों से अपनी इनकम और मुनाफे पर कोरोनावायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के प्रभाव का खुलासा करने के लिए कहा है। इसी तरह का फैसला विदेशी रेगुलेटर ने भी लिया, जिसे देखते हुए सेबी ने कंपनियों को निर्देश दिया है। सेबी के इस कदम का उद्देश्य निवेशकों को कारोबार में आई अड़चन के कारण होने वाले नुकसान के विस्तार का आकलन करने में मदद करना है। सेबी ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण आर्थिक उथल-पुथल के चलते कंपनी के कारोबार के बारे में उपलब्ध जानकारी में गैप की वजह से बाजार में समस्याएं आई हैं। सेबी ने जारी किए गए एक सर्कुलर में कहा है कि एक लिस्टेड फर्म के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि कंपनी और उसके कारोबार पर इन घटनाओं के प्रभाव की निवेशकों और शेयरधारकों को समय पर और सही तरीके से बताई जाए।
क्या हैं मौजूदा नियम
मौजूदा नियमों के मुताबिक कंपनियों को उन मैटेरियल घटनाओं का खुलासा करना जरूरी है, जो प्राकृतिक आपदा, force majeure (किसी घटना के चलते समझौता पूरा न कर पाना) और ऐसी किसी बड़ी घटना के कारण उनके कारोबार के प्रदर्शन या संचालन पर असर डाले। सेबी के मुताबिक ज्यादातर कंपनियों ने महामारी और इसके कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से कारोबार बंद करने के बारे में स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया है। हालांकि इसके वित्तीय प्रभाव की जानकारी देने वाली कंपनियों की संख्या बहुत कम है।
फाइनेंशियल जानकारी भी देनी होगी
कंपनियों को लोन चुकाने और अन्य वित्तीय व्यवस्था, संपत्ति, सप्लाई चेन और अन्य चीजों के बीच अपने उत्पादों और सेवाओं की मांग की क्षमता पर लॉकडाउन के प्रभाव की भी डिटेल देनी होगी। कंपनियों को अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में महामारी के प्रभाव को निर्दिष्ट करना होगा। सेबी ने कंपनियों को अपने कारोबार पर लॉकडाउन के असर का खुलासा करते हुए चुनिंदा खुलासों का सहारा लेने पर चेतावनी दी। यानी कंपनियों को हर डिटे देनी होगी। कंपनियों को नियमित रूप से अपने पिछले खुलासे को भी अपडेट करना होगा।
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