एसबीआई : आरबीआई को बैड लोन में मिला 11,932 रुपये का अंतर
नयी दिल्ली। आरबीआई को एसबीआई के वित्त वर्ष 2018-19 के लिए बताये गये बैड लोन में 11,932 करोड़ रुपये का अंर मिला है। आरबीआई ने अपने असेसमेंट में पाया है कि 2018-19 के लिए एसबीआई के सकल एनपीए 1,84,682 करोड़ रुपये के थे, जो एसबीआई द्वारा बताये गये 1,72,750 करोड़ रुपये के मुकाबले 11,932 करोड़ रुपये अधिक है। आरबीआई के असेसमेंट की जानकारी खुद एसबीआई ने स्टॉक एक्सचेंज को दी है। सकल एनपीए की तरह एसबीआई की शुद्ध एनपीए भी बतायी गयी 65,895 करोड़ रुपये से 11,932 करोड़ रुपये अधिक 77,827 करोड़ रुपये की मिली है। इससे एसबीआई को बैलेंस शीट में 12,036 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रोविजन बनाना पड़ता, जिससे यह वित्त वर्ष 2018-19 में 6,968 करोड़ रुपये के घाटे में रहता है। जबकि एसबीआई ने पिछले वित्त वर्ष के लिए 862 करोड़ रुपये के मुनाफे की जानकारी दी थी।
अक्टूबर-दिसंबर के लिए 4,654 करोड़ रुपये का प्रोविजन
बैंक ने आगे बताया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान चूक या अपग्रेडेशन के बाद चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान सकल एनपीए पर शेष प्रभाव 3,143 करोड़ रुपये का है। एसबीआई के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए प्रोविजन पर प्रभाव 4,654 करोड़ रुपये का रहेगा। आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में कई बैंकों द्वारा अपने एनपीए यानी बैड लोन कम कर के बताने के कई मामले सामने आये हैं, जिसके बाद आरबीआई ने बैंकों पर कार्रवाई भी की है।
क्या होता है एनपीए
एनपीए किसी बैंक का वे कर्ज होता है जो डूब गया हो या वापस आने उम्मीद लगभग खत्म हो गयी हो। किसी बैंक के लोन की ईएमआई यानी किस्त 3 महीने पर न आये तो उस खाते को एनपीए मान लिया जाता है। एनपीए 3 प्रकार के होते हैं, जिनमें सब स्टैंडर्ड संपत्तियाँ, संदिग्ध संपत्तियाँ और नुकसान वाली संपत्तियाँ शामिल हैं। एनपीए को लेकर सरकार और आरबीआई ने कई कदम उठाये हैं।
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