SBI ने पेश की e-Bank Guarantee सर्विस, जानिए कैसे मिलेगा आपको इसका फायदा
SBI e-Bank Guarantee Service : भारत अब डिजिटल युग को पूरी तरह से अपना रहा है। कहा जा सकता है कि भारत इस दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी परिवर्तन का हिस्सा बनने के लिए अब देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड (एनईएसएल) के साथ साझेदारी की है। दोनों ने मिलकर ई-बैंक गारंटी (ई-बीजी) सर्विस का ऐलान किया है। ई-बीजी की शुरुआत के साथ यह फ़ंक्शन ई-स्टांपिंग और ई-हस्ताक्षर की जगह ले लेगा। आगे जानिए एसबीआई की इस नयी सर्विस से आपको क्या फायदा होगा।
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फाइनेंशियल इंडस्ट्री में क्रांतिकारी
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी किया है और उसमें दावा किया कि यह सर्विस फाइनेंशियल इंडस्ट्री में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगी, जिसमें बैंक गारंटी का अक्सर और बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। ये गारंटी इस समय बैंक की तरफ से हस्ताक्षर और फिजिकल स्टांपिंग के माध्यम से दी जाती है।
आसान होगी प्रोसेस
इस नई कैपेबिलिटी के साथ, एनईएसएल की डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन एक्जेक्यूशन (डीडीई) टेक्नोलॉजी - जिसमें ई-स्टाम्प और ई-साइन फीचर्स शामिल हैं - ई-बैंक गारंटी प्रोसेस को बहुत आसान बनाएगी। एनईएसएल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए एसबीआई ग्राहकों और अन्य रिसीपेंट्स को अतिरिक्त वेरिफिकेशन के बिना ई-बैंक गारंटी मिलेगी। एसबीआई ने आगे कहा है कि यह प्रोसेस पारदर्शिता में सुधार और रेस्पोंसिंग टाइम को दिनों से घटाकर मिनटों में करने के लिए की गई है।
एसबीआई चेयरमैन ने जताई खुशी
लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई चेयरमैन दिनेश कुमार ने ई-बीजी सर्विस को आसान बनाने के लिए एनईएसएल के साथ जुड़ने पर खुशी जताई। उनके अनुसार एसबीआई अपने ग्राहकों को बैंकिंग सर्विसेज देने के लिए अत्याधुनिक डिजिटल ऑप्शनों की पेशकश करने में हमेशा आगे रहा है। इस दिशा में, इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी (ई-बीजी) एक महत्वपूर्ण कदम है जो बैंक गारंटी लाइफ साइकिल को छोटा कर देगी। ये प्रोग्राम भरोसेमंद और अप्रोचेबल फाइनेंशियल सर्विसेज की पेशकश के लिए एसबीआई के डेडिकेशन को सपोर्ट करता है।
महंगा कर दिया होम लोन
इस बीच एक अन्य खबर के अनुसार एसबीआई ने 15 जनवरी से होम लोन और अन्य लोन के लिए 1 वर्ष की एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स) में 10 आधार अंकों (0.10 फीसदी) की बढ़ोतरी की है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एमसीएलआर वह न्यूनतम दर होती है जिस पर उधार दरों की कैल्कुलेशन की जाती है या जिन न्यूनतम दरों पर बैंक लोन दे सकता है। एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक एमसीएलआर को 1 साल की अवधि पर पहले के 8.30 प्रतिशत से बढ़ा कर 8.40 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि अन्य अवधियों पर एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
क्यों बढ़ रही ब्याज दरें
मई के बाद से आरबीआई ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए ब्याज दरों में 225 आधार अंकों (2.25 फीसदी) की बढ़ोतरी की है। बता दें कि एक बीपीएस प्रतिशत अंक का सौवां हिस्सा होता है। आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंकों ने उधार और जमा दरों दोनों में दरों में बढ़ोतरी की है। बैंक ने दिसंबर 2022 में भी एमसीएलआर को बढ़ा दिया था। उस समय इसने छह महीने और एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर को 8.05 फीसदी से बढ़ाकर 8.30 फीसदी कर दिया था।