SBI का बड़ा धमाका : FD का बढ़ाया ब्याज, जल्द उठाएं फायदा
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने एफडी कराने वालों को नए साल पर बड़ी खुशखबरी दी है। एसबीआई ने चुनिंदा मैच्योरिटी पीरियड्स की फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों को बढ़ा दिया है। एसबीआई ने बीते 8 जनवरी 2021 से इसे लागू किया है। इस प्रकार अब जो भी एसबीआई में एफडी करेगा, उसे ज्यादा ब्याज मिलेगा। एसबीआई ने डॉमेस्टिक रिटेल टर्म डिपॉजिट के अलावा डॉमेस्टिक बल्क टर्म डिपॉजिट्स की ब्याज दरें भी बदली हैं। आइये एसबीआई की एफडी की इस बढ़ी ब्याज दर का किसे और कितना फायदा मिलेगा। देखिए एसबीआई एफडी की ब्याज दर की नई टेबल।
ये हैं एसबीआई एफडी की नई ब्याज दरें
एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी अगर 1 साल से लेकर 2 साल तक के लिए कराई जाती है तो उसे 0.10 फीसदी ज्यादा ब्याज दिया जाएगा। अब इस अवधि में सामान्य नागरिकों को 4.90 फीसदी की जगह 5 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा। वहीं वरिष्ठ नागरिकों को 5.50 फीसदी ब्याज दिया जाएगा।
बल्क टर्म डिपॉजिट की दरें भी बढ़ीं
एसबीआई ने 2 करोड़ रुपये और इससे ज्यादा के डॉमेस्टिक बल्क टर्म डिपॉजिट के मामले में 180 दिन से लेकर 2 साल के बीच के लिए ब्याज दर को 0.10 फीसदी बढ़ा दिया है। अब ऐसे डिपॉजिट पर 3 फीसदी सालाना ब्याज दिया जाएगा। वहीं वरिष्ठ नागरिकों को 3.50 फीसदी सालाना ब्याज दिया जाएगा।
अब यह हैं सामान्य लोगों के लिए एफडी की ब्याज दरें
7 दिनों से 45 दिनों की एफडी पर 2.9 फीसदी की दर से ब्याज
46 दिनों से 179 दिनों की एफडी पर 3.9 फीसदी की दर से ब्याज
180 दिनों से 1 वर्ष से कम की एफडी पर 4.4 फीसदी की दर से ब्याज
211 दिन से 1 साल से कम की एफडी पर 4.4 फीसदी की दर से ब्याज
1 साल से 2 साल से कम की एफडी पर 5 फीसदी की दर से ब्याज
2 से लेकर 3 साल से कम की एफडी पर 5.1 फीसदी की दर से ब्याज
3 से 5 साल तक की एफडी पर 5.3 फीसदी की दर से ब्याज
5 साल और 10 साल तक की एफडी पर 5.4 फीसदी की दर से ब्याज
वरिष्ठ नागरिकों के लिए एफडी की ब्याज दरें
7 दिन से 45 दिन की एफडी पर 3.4 फीसदी
46 दिन से 179 दिन की एफडी पर 4.4 फीसदी
180 दिन से 210 दिन की एफडी पर 4.9 फीसदी
211 दिन से 1 साल से कम की एफडी पर 4.9 फीसदी
1 से 2 साल तक की एफडी पर 5.5 फीसदी
2 से 3 साल से कम की एफडी पर 5.6 फीसदी
3 से 5 साल से कम की एफडी पर 5.8 फीसदी
5 साल और 10 साल तक की एफडी पर 6.2 फीसदी