Crypto एक्सचेंजों के खिलाफ सख्त हुआ SBI, अपने UPI प्लेटफॉर्म पर नहीं लेने देगा फंड
नई दिल्ली, सितंबर 15। भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों की मुश्किल बढ़ रही है। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टो एक्सचेंजों की तरफ से भेजे गए फंड को प्राप्त करने पर रोक लगा दी है। बैंक ने पेमेंट प्रोसेसर को क्रिप्टो मर्चेंट्स के लिए एसबीआई यूपीआई को अक्षम (इनेबल या बंद करने) करने के लिए कहा है। इससे होगा यह कि मर्चेंट यानी कारोबरी यूपीआई के माध्यम से फंड ट्रांसफर करके बिटकॉइन या कोई भी क्रिप्टोकरेंसी नहीं खरीद सकते हैं। कोई भी प्रोसेसर जो एक्सचेंज के लिए फंड को हैंडल करता है, वह अपने एसबीआई खातों में क्रिप्टो खरीदारी के लिए भेजे गए पैसे को प्राप्त करने में असमर्थ होगा।
LIC : सालाना मिलेंगे 61250 रु, सिर्फ एक बार करना होगा निवेश, जानिए कितना
कई बैंकों ने उठाया है सख्त कदम
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सभी बैंक खाताधारकों को बैंक खाते की जानकारी या नेट बैंकिंग यूजर आईडी और पासवर्ड दर्ज किए बिना अपने स्मार्टफोन से पैसे भेजने और प्राप्त करने की सुविधा देता है। पिछले छह महीनों में, कई बैंकों ने क्रिप्टो ट्रेडों से जुड़े फंड ट्रांसफर पर रोक लगा दी है। एसबीआई के हालिया फैसले के बाद, क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए बचे कुछ भुगतान रूटों में से एक को बंद कर दिया गया है।
वजीरएक्स पर पड़ा असर
सबसे बड़े घरेलू क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स पर इस फैसले का पहले ही काफी प्रभाव पड़ा है, क्योंकि प्रोसेसिंग एजेंसी एसबीआई के निर्देश को फॉलो कर रही है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इंडस्ट्री सर्किल्स ने कहा कि पेमेंट प्रोसेसर अन्य एक्सचेंजों के लिए भी पेमेंट स्वीकार करना बंद कर सकते हैं, जब तक कि एसबीआई अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करता।
एसबीआई से होगी बातचीत
वज़ीरएक्स के मुख्य कार्यकारी निश्चल शेट्टी ने कहा हम चर्चा करने और एसबीआई के सामने अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे हैं। वज़ीरएक्स केवाईसी मानदंडों और एएमएल (एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग) पॉलिसियों का पालन करता है। भारत में सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज होने के नाते, लाखों भारतीय वर्तमान में एसबीआई के इस कदम से प्रभावित हुए हैं।
अन्य बैंक भी उठा सकते हैं यही कदम
शेट्टी के अनुसार हम जल्द ही एक सकारात्मक समाधान की उम्मीद करते हैं। यूपीआई ब्लॉक होने के कारण वज़ीरएक्स पर कई ट्रेडर्स लेन-देन करने के लिए ई-वॉलेट सर्विसेज में से एक का उपयोग कर रहे हैं। वॉलेट चार्जेस और फंड ट्रांसफर की लिमिट के कारण, क्रेडिट और डेबिट कार्ड, एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) और नेट बैंकिंग जैसे अन्य भुगतान मोड के अभाव में व्यापारी यूपीआई को प्राथमिकता देते हैं। एसबीआई के फैसले के बाद, कई बैंक अपने संबंधित यूपीआई प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टो ट्रेडर्स को शामिल करने के लिए अनिच्छुक हो सकते हैं।
क्या है आरबीआई का नियम
क्रिप्टो ट्रेड्स के लिए पेमेंट को अस्वीकार करने के लिए आरबीआई की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया है, मगर बैंकों के साथ-साथ कई पेमेंट प्लेटफॉर्म ने क्रिप्टो पर आरबीआई का अस्थिर रुख महसूस किया है। कुछ बैंकरों का कहना है कि बैठकों के दौरान, आरबीआई के अधिकारियों ने क्रिप्टो पर आपत्ति व्यक्त की है। गौरतलब है कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई), जिसने यूपीआई विकसित किया है, ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड्स के लिए फंड मूवमेंट को ब्लॉक करने से इनकार कर दिया है।