SBI अलर्ट : इस महीने ब्लॉक हो जाएगा अकाउंट, जल्द करें ये काम
अगर आपका भी खाता एसबीआई में है तो ये खबर पढ़ लें। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजकर अलर्ट किया है।
नई दिल्ली: अगर आपका भी खाता एसबीआई में है तो ये खबर पढ़ लें। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजकर अलर्ट किया है। बैंक ने ग्राहकों से केवाईसी पूरी करने के लिए कहा है। इसके लिए 28 फरवरी 2020 आखिरी तारीख तय की हैं। बता दें कि ऐसे में अगर कोई ग्राहक अपने डॉक्युमेंट ले जाकर केवाईसी नहीं कराता हैं तो उसके बैंक खाते के ट्रांजेक्शन (लेन-देन) को रोक दिया जाएगा। इस बात से भी आपको अवगत करा दें कि आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने सभी बैंक अकाउंट के लिए केवाईसी को जरूरी बना दिया है।
एसबीआई ने ग्राहकों को किया अलर्ट
केवाईसी यानी को साधारण हिंदी में परिभाषित करें तो कहेंगे कि कस्टमर के बारे में पूरी जानकारी। केवाईसी कराना सभी के लिए जरूरी है। एक तरह से बैंक और ग्राहक के बीच केवाईसी रिश्ते को मजबूत करता है। बिना केवाईसी निवेश मुमकिन नहीं है, इसके बगैर बैंक खाता भी खोलना आसान नहीं है। एसबीआई ने अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजकर अलर्ट करते हुए केवाईसी पूरी करने के लिए कहा हैं। एसएमएस में कहा गया हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार आपके खाते में केवाईसी दस्तावेजों को अपडेट किया जाना है।
लेन-देन पर लगाई जा सकती रोक
एसबीआई ने कहा है कि कृपया नवीनतम केवाईसी दस्तावेजों के साथ अपनी एसबीआई शाखा में जाकर संपर्क करें। अगर केवाईसी पूरी नहीं किया तो ऐसे स्थिति में आपके खाते में भविष्य में किए जाने वाले लेन-देन पर रोक लगाई जा सकती है। इसलिए एसबीआई के ग्राहकों को अपनी ब्रांच में जाकर जरूरी डॉक्युमेंट के साथ केवाईसी अपडेट करना होगा।
केवाईसी के लिए जरुरी डॉक्युमेंट
एसबीआई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, केवाईसी के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भरना होगा।
केवाईसी के लिए व्यक्तियों को पहचान पत्र देना होगा। ध्यान रखें कि आपको वही पता देना होगा जो पता खाता खोलने के फार्म मे दिया हुआ है।
- पासपोर्ट
- मतदाता पहचान पत्र
- ड्राइविंग लाइसेंस
- आधार पत्र/कार्ड
- नरेगा (एनआरईजीए) कार्ड
- पेंशन भुगतान आदेश
- डाकघरों द्वारा जारी पहचान पत्र
- ऐसे जन प्राधिकरण संस्थाओं द्वारा जारी पहचान पत्र जो अपने द्वारा जारी पहचान पत्रों का रिकॉर्ड रखती हैं.
- पहचान पत्र का प्रमाण (सूची-1)
- पासपोर्ट
- मतदाता पहचान पत्र
- ड्राइविंग लाइसेंस
- आधार पत्र/कार्ड
- नरेगा (एनआरईजीए) कार्ड
- पेंशन भुगतान आदेश
- डाकघरों द्वारा जारी पहचान पत्र
- पैन (पी ए एन) कार्ड
- जन प्राधिकरण द्वारा जारी पहचान पत्र
- यूजीसी/एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय द्वारा जारी प्रमाण पत्र जिसपर फोटो लगा हो
- सरकार/सेना का पहचान पत्र
- विश्वसनीय नियोक्ताओं द्वारा जारी पहचान पत्र
पते का प्रमाण
- टेलीफोन बिल (जो 3 महीने से अधिक पुराना न हो)
- बैंक खाता विवरण (जो 3 महीने से अधिक पुराना न हो)
- मान्यता प्राप्त सरकारी प्राधिकारी द्वारा जारी पत्र
- बिजली का बिल (जो 6 महीने से अधिक पुराना न हो)
- राशन कार्ड
- विश्वसनीय नियोक्ताओं द्वारा जारी पहचान पत्र
- आयकर/सम्पदा कर मूल्यांकन आदेश
- क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट (जो 3 महीने से अधिक पुराना न हो)
- पंजीकृत लीव & लाइसेन्स करार /सेल डीड/लीज एग्रीमेंट की प्रतियां
- विश्वविद्यालय/संस्था के हास्टल वार्डेन द्वारा, अपने यहाँ रहने वाले छात्र को जारी पत्र, जिसे रजिस्ट्रार, प्रिंसपल/ डीन -छात्र कल्याण द्वारा प्रति हस्ताक्षरित किया गया हो।
- छात्रों के मामले मे, यदि वे अपने नजदीकी संबंधी के साथ रह रहे हों तो उस संबंधी की घोषणा के साथ उनका पहचान पत्र और पता प्रमाण पत्र।
अवयस्क (नाबालिग)
अगर अवयस्क 10 वर्ष से कम आयु का है तो खाता परिचालित करने वाले व्यक्ति का पहचान पत्र लिया जाएगा। अगर अवयस्क स्वयम खाता परिचालित करने लायक है तो पहचान पत्र तथा पता सत्यापन की वही प्रक्रिया जो किसी अन्य व्यक्ति के मामले मे लागू होती है।
अब घर बैठे करा सकते हैं केवाइसी
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में केवाईसी नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत आधार बेस्ड वीडियो कस्टमर आइडेंटिफिकेशन प्रॉसेस को मंजूरी दी गई है। अब बैंक, एनबीएफसी और दूसरे लोन देने वाले संस्थान वीडियो बेस्ड आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस का इस्तेमाल केवाईसी के लिए कर सकेंगे। इससे अब लोगों को केवाईसी के लिए बैंक या दूसरे संस्थानों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केवाईसी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संचालित एक पहचान प्रक्रिया है जिसकी मदद से बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं अपने ग्राहक के बारे में अच्छे से जान पाती हैं। केवाईसी यानि "नो योर कस्टमर" यानि अपने ग्राहक को जानिये। बैंक तथा वित्तीय कम्पनियां इसके लिए फॉर्म को भरवा कर इसके साथ कुछ पहचान के प्रमाण भी लेती हैं।
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