Bata : 126 सालों के इतिहास में पहली बार किसी भारतीय के पास आई कमान
नयी दिल्ली। जूता बनाने वाली कंपनी बाटा के 126 सालों के इतिहास में पहली बार कमान किसी भारतीय के पास आई है। 49 वर्षीय संदीप कटारिया, जो वर्तमान में बाटा इंडिया के सीईओ हैं, को कंपनी का ग्लोबल सीईओ बनाया गया है। वे एलेक्सिस नैसर्ड की जगह लेंगे। कटारिया से पहले वैश्विक कंपनियों में टॉप पर पहुंचने वाले अन्य भारतीयों (या भारतीय मूल) में माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला, एल्फाबेट के सुंदर पिचाई, मास्टरकार्ड के अजय बंगा, आईबीएम के अरविंद कृष्ण, रेकिट बेन्किज़र के लक्ष्मण नरसिम्हन, डियाजियो के इवान मैथ्यूज और नोवार्टिस के वसंत नरसिम्हन शामिल हैं।
आईआईटी पास हैं कटारिया
कटारिया ने बाटा के वैश्विक सीईओ के रूप में तत्काल प्रभाव से कार्यभार संभाला है। नैसर्ड ने लगभग पांच साल के बाद इस पद को छोड़ दिया है। वे मार्केट रिसर्च कंपनी Kantar में शामिल होने जा रहे हैं। कटारिया आईआईटी-दिल्ली से इंजीनियरिंग कर चुके हैं। वे 1993 के पीजीडीबीएम बैच के एक्सएलआरआई में गोल्ड मेडल विजेता भी रहे हैं। कटारिया के पास भारत और यूरोप में 24 सालों का कार्य अनुभव है। जिन कंपनियों में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है उनमें यूनिलीवर, यम ब्रांड्स और वोडाफोन शामिल हैं। कटारिया 2017 में बतौर सीईओ बाटा इंडिया में शामिल हुए थे।
कहां की है बाटा कंपनी
बाटा स्विट्जरलैंड की कंपनी है। इस फुटवियर कंपनी के लिए भारत प्रमुख बाजार है। कटारिया के नेतृत्व में बाटा इंडिया की इनकम में दोहरे अंकों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। साथ ही ब्रांड की छवि को फिर से बेहतर करने और युवा ग्राहकों को लक्षित करके इसे नये जमाने की कंपनी का रूप देने में कटारिया ने अहम भूमिका निभाई है। बाटा इंडिया ने 2019-20 में 3,053 करोड़ रुपये की इनकम पर 327 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
हर साल बिकते हैं 18 करोड़ से अधिक जोड़ी जूते
बाटा दुनिया की प्रमुख जूता बनाने वाली कंपनियों में से एक है। ये काफी सस्ती कीमतों पर स्टाइलिश जूते डिजाइन करती है। बाटा का मालिक एक परिवार है। बाटा का कारोबार 5 महाद्वीपों पर फैला है। 5,800 दुकानों से ये सालाना 18 करोड़ से अधिक जोड़ी जूते बेचती है। इसकी 5 महाद्वीपों में 22 मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी हैं। कंपनी 70 से अधिक देशों में काम करती है और इसके 35,000 कर्मचारी हैं।
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