Samsung के वाइस चेयरमैन Lee Jae-Yong हुए गिरफ्तार, जानिए क्या है मामला
नयी दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन और मेमोरी चिप बनाने वाली कंपनी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के वाइस-चेयरमैन ली जे-यॉन्ग को रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया है। इस मामले में यॉन्ग को 2.5 साल की जेल हुई है। उन पर कई बड़े लोगों को रिश्वत देने का आरोप है, जिनमें दक्षिण कोरिया की पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे शामिल हैं। बता दें कि यॉन्ग पर जो भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं उननमें 200 करोड़ रु की रिश्वत देना शामिल है। दक्षिण कोरिया की अदालत ने उन्हें 2016 के भ्रष्टाचार घोटाले में लिप्त पाये जाने पर ढाई साल की सजा सुनाई। इस घोटाले पर देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे और दक्षिण कोरिया की तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को पद छोड़ना पड़ा था।
इसलिए दी थी रिश्वत
बहुप्रतीक्षित रीट्रायल में सियोल हाईकोर्ट ने ली को तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे और उनके करीबी व्यक्ति को रिश्वत देने का दोषी पाया। ली सैमसंग की दो साथी कंपनियों के 2015 में आपस में विलय के लिए सरकारी सपोर्ट चाहते थे और इसीलिए उन्होंने राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे और उनके करीबी व्यक्ति को रिश्वत दी। इस डील से देश के सबसे बड़े व्यापारिक समूह पर ली का नियंत्रण और मजबूत हुआ।
ली के वकीलों की दलील
ली के वकीलों ने उन्हें राष्ट्रपति पद के दुरुपयोग का शिकार बताया और 2015 की डील को "सामान्य बिजनेस एक्टिविटी" बताया। कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद ली को हिरासत में ले लिया गया। ये पहली बार नहीं है कि ली जेल गए हैं। इससे पहले वे 2017 में जेल जा चुके हैं। तब भी सैमसंग ने ज्यादा परेशानी का संकेत नहीं दिया था। वैसे भी उच्च अदालत में अपील के बाद वे जेल से बाहर आ गए थे।
2014 में संभाली थी कमान
यॉन्ग ने अपने पिता की मौत के बाद 2014 में कंपनी की बागडोर संभाल ली थी। कोर्ट ने कहा कि ली ने रिश्वत दी और राष्ट्रपति से अपने बिजनेस में मदद के लिए उनसे ताकत का गलत इस्तेमाल करने की बात कही।
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