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Sahara India : जल्द मिलेगा डूबा हुआ पैसा वापस, जानिए क्या हुआ

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नई दिल्ली, जून 7। सहारा इंडिया के पास देश के लाखों लोगों का पैसा फंसा हुआ है। इस मामला अदालत में चल रहा है। ये मामले पिछले कई वर्षों से लटके हुए हैं और लोगों के फंसे हुए पैसे भी। मगर लोगों की तरफ से कोशिशें की जा रही हैं। अच्छी बात यह है कि हाल ही में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने बताया कि बाजार नियामक को 81.70 करोड़ रुपये के 19,644 आवेदन प्राप्त हुए हैं। ये मामले 53,642 मूल बांड प्रमाणपत्र या पासबुक से संबंधित हैं। पर अब उम्मीद जताई जा रही है कि लोगों को पैसा जल्दी मिल सकता है।

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क्या आ रही थी दिक्कत

क्या आ रही थी दिक्कत

सरकार ने कुछ समय पहले कहा था कि जिन लोगों के क्लेम बचे हैं उनके आवेदनों के रिकॉर्ड का सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरसीएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) ने जो दस्तावेज उपलब्ध कराएं हैं, उनमें पता नहीं चल पा रहा है। सहारा ने लोगों के 25,000 करोड़ रु रखने का आरोप है।

क्या हुआ है अब

क्या हुआ है अब

सहारा ने कहा था कि पैसा इसने नहीं बल्कि सेबी ने अपने पास रखा। सेबी ने इस मामले में पर कई बार सफाई दी है। अब हुआ यह है कि द बेगूसराय की एक रिपोर्ट के अनुसार राजनांदगांव के कलेक्टर तरण प्रकाश सिन्हा ने इस जिले के निवेशकों को सहारा से पैसा (15 करोड़ रुपये) दिलाने के लिए एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी में तीन सदस्य हैं।

कौन कौन है कमेटी में
 

कौन कौन है कमेटी में

इस कमेटी में अपर कलेक्टर अध्यक्ष एवं जिला कोषाध्यक्ष के साथ साथ नगर पुलिस अधीक्षक शामिल हैं। सहारा इंडिया इन्वेस्टर्स की जो कमेटी है, उस इस जिले के निवेशकों की लिस्ट कंपनी के प्रतिनिधियों से मिल रही है। प्राप्त आवेदनों की चेकिंग भी हो रही है। लिस्ट पब्लिश होने के बाद निवेशकों से उनका रेस्पोंस लिया जाएगा और फिर उनके दस्तावेजों के सत्यापन के बाद पैसा मिलना शुरू किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला

क्या है पूरा मामला

सहारा-सेबी मामला सहारा इंडिया परिवार की दो कंपनियों द्वारा जारी वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) जारी करने का मामला है, जिस पर सेबी ने अपने अधिकार क्षेत्र का दावा किया था और इस पर आपत्ति जताई थी कि सहारा ने इसकी अनुमति क्यों नहीं ली। इस मामले में बड़ी संख्या में लोग शामिल हैं। जैसे कि तीन करोड़ व्यक्तियों से 24,000 करोड़ रुपये से अधिक का कलेक्शन किया गया है।

10 साल पहले का आदेश

10 साल पहले का आदेश

अगस्त 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने ऊपर बताई गई दोनों कंपनियों को सेबी के साथ निवेशकों का पैसा तीन महीने के अंदर देने का आदेश दिया था और वो भी 15 फीसदी ब्याज के साथ। इतना ही नहीं सेबी को सभी ओएफसीडी धारकों की डिटेल देने को कहा गया था। फिर सहारा ने 127 ट्रकों को सेबी के ऑफिस भेजा, जिनमें निवेशकों की जानकारी थी। पर ये निवेशकों की पूरी जानकारी नहीं थी। इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग का संदेह रहा। सहारा ने सेबी को समय पर पैसा नहीं लौटाया। फिर सहारा इंडिया के बैंक अकाउंट और संपत्ति को फ्रीज करने का दौर शुरू हुआ। 26 जनवरी 2014 को सहारा ग्रुप के चेयरमैन को गिरफ्तार किया गया। नवंबर 2017 में ईडी ने सहारा ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चलाना शुरू किया। फिर पूरा सहारा ग्रुप कानूनी शिकंजे में आ गया।

English summary

Sahara India Soon you will get the money back know what happened

After the list is published, their response will be taken from the investors and then after verification of their documents, money will be started.
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