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Sahara India : पैसा वापस पाने के लिए सड़कों पर उतरे लोग, जानें फिर क्या हुआ

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नई दिल्ली, जून 14। सहारा इंडिया के निवेशक कई सालों से परेशान हैं। उनकी निराशा काफी बढ़ गयी है। इसलिए इन निवेशकों ने कल जयपुर की सड़कों पर प्रदर्शन किया। बता दें कि सहारा के ढेरों कर्मचारी भी इनके साथ रहे। ये विरोध भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के उस कदम के खिलाफ था, जिसके तहत इसने सहारा के 25 हजार करोड़ रुपये रोके है। यानी ये विरोध सेबी के भी खिलाफ था।

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भाजपा सांसद रहे शामिल

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जयपुर में सोमवार को सहारा इंडिया के निवेशकों और कर्मचारियों ने मिल कर बड़ी संख्या में मार्च निकाला और विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध का नेतृत्व भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने किया। प्रदर्शनकारियों ने जयपुर शहर के बस्सी चौक से सेबी के क्षेत्रीय कार्यालय तक का मार्च निकला। उन्होंने इस मामले पर तत्काल कार्रवाई के लिए सेबी अधिकारी को ज्ञापन दिया।

क्या हैं मांग

क्या हैं मांग

जो ज्ञापन सेबी अधिकारी को सौंपा गया, उसके तहत सहारा इंडिया ने निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि सेबी को दे दी है। इसमें ब्याज का पैसा भी शामिल है। ये बात सेबी ने लोकसभा में भी स्वीकार की है। मगर इसने पिछले नौ साल में केवल 125 करोड़ रुपये ही निवेशकों को वापस लौटाए हैं। इस पर भाजपा सांसद मीणा कहते हैं कि सेबी ने 25 हजार करोड़ रुपये लिए हैं और पिछले नौ वर्षो में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इससे करोड़ों निवेशकों और 14 लाख कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है।

प्रधानमंत्री से होगी बात

प्रधानमंत्री से होगी बात

किरोड़ी लाल मीणा ने यहां तक कहा कि अगर सेबी ने मामला सुलझाने के लिए कार्रवाई नहीं की तो इस मामले को मुद्दे को वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा।

कहां फंस रहा पेंच

कहां फंस रहा पेंच

सरकार ने कुछ समय पहले कहा था कि जिन लोगों के क्लेम बचे हैं उनके आवेदनों के रिकॉर्ड के ज सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरसीएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) ने जो दस्तावेज उपलब्ध कराएं हैं, उनमें पता नहीं चल पा रहा है। सहारा ने लोगों के 25,000 करोड़ रु रखने का आरोप है।

ये है पूरा मामला

ये है पूरा मामला

सहारा-सेबी मामला सहारा इंडिया परिवार की दो कंपनियों द्वारा जारी वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) जारी करने का मामला है, जिस पर सेबी ने अपने अधिकार क्षेत्र का दावा किया था और इस पर आपत्ति जताई थी कि सहारा ने इसकी अनुमति क्यों नहीं ली। इस मामले में बड़ी संख्या में लोग शामिल हैं। जैसे कि तीन करोड़ व्यक्तियों से 24,000 करोड़ रुपये से अधिक का कलेक्शन किया गया है। अगस्त 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने ऊपर बताई गई दोनों कंपनियों को सेबी के साथ निवेशकों का पैसा तीन महीने के अंदर देने का आदेश दिया था और वो भी 15 फीसदी ब्याज के साथ। इतना ही नहीं सेबी को सभी ओएफसीडी धारकों की डिटेल देने को कहा गया था। फिर सहारा ने 127 ट्रकों को सेबी के ऑफिस भेजा, जिनमें निवेशकों की जानकारी थी। पर ये निवेशकों की पूरी जानकारी नहीं थी। इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग का संदेह रहा। सहारा ने सेबी को समय पर पैसा नहीं लौटाया। फिर सहारा इंडिया के बैंक अकाउंट और संपत्ति को फ्रीज करने का दौर शुरू हुआ। 26 जनवरी 2014 को सहारा ग्रुप के चेयरमैन को गिरफ्तार किया गया। नवंबर 2017 में ईडी ने सहारा ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चलाना शुरू किया। फिर पूरा सहारा ग्रुप कानूनी शिकंजे में आ गया।

English summary

Sahara India People took to the streets to get money back know what happened then

The protesters marched from Bassi Chowk in Jaipur city to the regional office of SEBI. He submitted a memorandum to the SEBI officer for immediate action on the matter.
Story first published: Tuesday, June 14, 2022, 14:11 [IST]
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