Sahara Group : सुब्रत रॉय सहित 2 कंपनियों पर 12 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए मामला
नई दिल्ली, जून 28। भारतीय मार्केट नियामक 'सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड' (सेबी) ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय, सहारा समूह की कंपनी सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ-साथ तीन अन्य पर 12 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है। सेबी ने यह जुर्माना साल 2008 और 2009 के बीच ऐच्छिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करने के रेगुलेशन का उल्लंघन करने को लेकर लगाया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा प्रमुख और सहारा ग्रुप की दो कंपनियों के साथ-साथ अशोक रॉय चौधरी, रवि शंकर दुबे और वंदना भार्गव पर यह जुर्माना लगाया है। निर्देश के अनुसार सभी को मिल कर जुर्माने की राशि 45 दिनों के भीतर जमा करनी है।
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2008-2009 का है मामला
नियमों के उल्लंघन का मामला सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड जो पहले कमोडिटी सर्विसेज कारपोरेशन लिमिटेड था और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड की तरफ से जारी ऐच्छिक पूर्ण परिवर्तन डिबेंचर (ओएफसीडी) से संबंधित है। सहारा की इन दोनों कंपनियों ने साल 2008 और 2009 में ओएफसीडी जारी किये थे। सेबी ने जांच में पाया कि इस प्रक्रिया में आईसीडीआर (पूंजी और जरूरतो के खुलासा) नियमन और पीएफयूओपी (अनुचित व्यापार और धोखाधड़ी गतिविधियां निरोधक नियम) नियमों का उल्लंघन हुआ था।
कानून का हुआ था उल्लंघन
साल 2012 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि सहारा समूह की कुछ कंपनियों ने सेबी के नियमों का उल्लंघन कर अवैध रूप से 3.5 अरब डॉलर से अधिक धनराशि का आदान-प्रदान किया है। यह पैसे उन लाखों भारतीयों से जुटाए गए थे जो उस समय बैंकिंग सुविधाओं का लाभ नहीं उठा रहे थे। हाल ही में लोक सभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (SHICL) ने 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400.87 करोड़ रुपये जुटाए थे।
मार्केट नियामक सेबी निवेशकों का पता नहीं लगा पाया था और जब सहारा समूह की कंपनियां लोगों को भुगतान करने में विफल रहीं। तब अदालत ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को जेल भेज दिया था। सुब्रत को लगभग दो साल से अधिक का समय जेल में बिताने के बाद छह मई 2017 को पैरोल मिली थी। पहली बार पेरोल उन्हें अपने मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मिला था।