रुपया : 1 साल में हुई हालत पतली, एशिया में सबसे कमजोर मुद्राओं में से एक
नयी दिल्ली। आर्थिक विकास दर में तेज गिरावट और मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी ने रुपये के एक्सचेंज रेट को कम करना शुरू कर दिया है। इसके चलते पिछले एक साल नें रुपया एशिया की समसे कमजोर मुद्राओं में से एक बन गया है। भारतीय रुपये की हालत सिर्फ पाकिस्तान और साउथ कोरिया की मुद्राओं से बेहतर है। जनवरी 2019 से एक साल के अंदर डॉलर के मुकाबले रुपये में करीब 2 फीसदी की गिरावट आयी है। जबकि इस दौरान डॉलर के मुकाबले थाईलैंड की करेंसी Baht में 6.3 फीसदी, मलेशियन मुद्रा Ringgit में 1.5 फीसदी और फिलिपींस की मुद्रा पेसो में 3 फीसदी की मजबूती आयी है। वहीं पिछले एक साल में डॉलर के मुकाबले चीन के रेन्मिन्बी (युआन की बेसिक यूनिट) 0.4 फीसदी नीचे फिसला है। जानकार मानते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था में उम्मीद से ज्यादा गिरावट आने की वजह से ही रुपया कमजोर हुआ है।
बांग्लादेशी टका के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में भारी गिरावट
एक तरफ भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले 2 फीसदी की गिरावट आयी, वहीं बांग्लादेश का टका 1.5 फीसदी की ही गिरावट आयी है। पर इस दौरान पाकिस्तानी रुपये की हालत बेहद खस्ता हो गयी। जनवरी 2019 से एक साल के दौरान पाकिस्तानी रुपये में डॉलर के मुकाबले 9.5 फीसदी की गिरावट आयी। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 139.8 के स्तर से इस समय 154.4 पहुँच चुका है। अर्थव्ययवस्था की खस्ता हालत की वजह से पाकिस्तानी रुपया एक साल में एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसी है। इसके बाद अगला नंबर साउथ कोरिया का नंबर पर है, जिसकी करेंसी एक साल में डॉलर के मुकाबले 5 फीसदी लुढ़क गयी।
ये रही एशियाई मुद्राओं की लिस्ट और उनमें एक साल में डॉलर के मुकाबले आयी गिरावट :
- पाकिस्तानी रुपये में आयी 9.5 फीसदी की गिरावट
- साउथ कोरिया के वॉन में 4.8 फीसदी की गिरावट
- भारत के रुपये में 2.0 फीसदी की गिरावट
- बांग्लादेशी टका में 1.5 फीसदी की गिरावट
- चीन के रेन्मिन्बी में 0.4 फीसदी की गिरावट
- जापान के येन में 0.4 फीसदी की गिरावट
- वियतनाम के डॉन्ग में कोई बदलाव नहीं
- मलेशिया का रिंगिट 1.5 मजबूत हुआ
- फिलिपींस के पेसो में 3.0 फीसदी की मजबूती
- इंडोनेशिया के रुपिये में 5.3 फीसदी की मजबूती
- थाईैलंड के बात में 6.3 फीसदी की मजबूती
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