RTGS : क्या है पेमेंट का ये खास तरीका, जानिए इसके बारे में सबकुछ
Real Time Gross Settlement : आज का युग ने हमें पैसे ट्रांसफर करने के एक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। हालांकि, फंड ट्रांसफर करने के तमाम तरीके उपलब्ध होने के कारण, आपकी जरूरत के हिसाब से पेमेंट मेथड को चुनना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। पैसे ट्रांसफर करने का एक तरीका आरटीजीएस भी है, चलिए हम आज आपको RTGS के माध्यम से फंड ट्रांसफर करने विषय में पूरी जानकारी देते हैं।
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RTGS का मतलब क्या होता है
आरटीजीएस का मतलब है रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट। यह एक ऐसी भुगतान प्रणाली है जो लेनदेन में बिना टाइम लिए फंड ट्रांसफर करती है। इस मेथड की मदद से ग्राहक निरंतर और वास्तविक समय के पेमेंट कर पाता है। 'रीयल टाइम' का मतलब है वास्तविक समय में, और ग्रास सेटरमेंड का मतलब है फंड ट्रांसफर।
RTGS के उपयोग के क्या फायदे हैं
- आरटीजीएस फंड ट्रांसफर करने का एक सुरक्षित तरीका है।
- आरबीआई की तरफ से आरटीजीएस ट्रांजेक्शन या ट्रांसफर के लिए कोई सीमा तय नहीं है।
- यह सेवा 24/7 उपलब्ध है। रियल टाइम में, धनराशि लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर हो जाती है।
- पैसे भेजने के लिए चेक या डिमांड ड्राफ्ट की जरूरत नहीं होती है।
- लाभार्थी के लिए बैंक शाखा में कागजी कार्यवाही की जरुरत नहीं होता है।
- किसी भी प्रकार की चोरी धोखाधड़ी की कोई चिंता नहीं होती है।
- नेट बैंकिग की मदद से भी आरटीजीएस कर सकते हैं।
- लेनदेन के लिए मामूली फिस लगता है।
- आरटीजीएस के माध्यम से लेन-देन कानूनी रूप से सुरक्षित है।
RTGS और NEFT में क्या अंतर है
एनईएफटी एक इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सिस्टम है। यह पैसे ट्रांसफर करने में एक निश्चित समय लेता है। इसके विपरीत, RTGS के माध्यम से तुरंत फंड ट्रांसफर होता है।
क्या जानकारी भरनी होती है
- राशि भेजी जानी है
- खाता संख्या जिसमे पैसा डालना है
- लाभार्थी के बैंक और शाखा की जानकारी
- खाताधारक का IFSC कोड
- ग्राहक का नाम
- लाभार्थी ग्राहक का खाता नंबर
आरटीजीएस के लिए सावधानी
- आरटीजीएस के लिए लाभार्थी की जानकारी, कस्टमर का नाम, खाता संख्या ,साथ ही लाभार्थी की बैंक शाखा का नाम और IFSC, कोड को ठिक से जांच लेनी चाहिए
- लाभार्थी की खाता संख्या को भरने में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए।