पैसे लेने वाला कोई नहीं, जानिए कहां पड़े हैं 50,000 करोड़ रुपये बेकार
नई दिल्ली, जुलाई 28। देश के बैंक और बीमा कंपनियों के पास करीब 50,000 करोड़ रुपये ऐसा पड़ा हुआ है, जिसका कोई दावेदार नहीं है। बैंकों में ऐसे करोड़ों अकाउंट हैं, जिनका कोई दावेदार नहीं है। वहीं बीमा कंपनियों के पास भी ढेर सारे ऐसे बीमा हैं, जेा पूरे तो हो गए हैं, लेकिन कोई दावेदार इनका पैसा लेने सामने नहीं आया है। इस बात की जानकारी खुद सरकार ने साझा की है। आइये जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
संसद में रखी सरकार ने जानकारी
सरकार ने संसद में बताया है कि देश के बैंक और बीमा कंपनियों के पास करीब 50,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़ा हुआ है। यह पैसा किसका यह जानना कठिन हो गया है। कई सालों से इन पैसों के लिए कोई दावेदार सामने नहीं आया है। सरकार ने बताया है कि पिछले एक साल में ही इस मद में 5977 करोड़ रुपये और बढ़ गए हैं। मंगलवार को सरकार ने एक अनुमान के तहत मिले आंकड़े संसद में पेश किए हैं। सरकारी ने बताया है कि करीब 8.1 करोड़ ऐसे अकाउंट हैं, जिनमें लगभग 24,356 करोड़ रुपये बिना दावा का हैं।
जानिए बैंकों के हिसाब से औसतन हर खाते में कितना रुपया अनक्लेम्ड
सरकार ने जो जानकारी दी है कि उसके अनुसार सरकारी बैंकों में यह यह औसत प्रति खाता करीब 3030 रुपये का है। इसके अलावा एसबीआई में यह औसतन 2710 रुपये का है। प्राइवेट बैंकों में यह औसत 3340 रुपये का है। यह औसत विदेशी बैंकों में करीब 9250 रुपये का है। इसके अलावा स्मॉल फाइनेंस बैंकों में यह औसत 654 रुपये का है। ग्रामीण बैंकों में यह औसत 1600 रुपये का है। यहां पर औसत का मतलब है कि इन बैंकों में ऐसे अनक्लेम्ड खातों में औसतन इतना पैसा पड़ा हुआ है।
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बीमा कंपनियों के पास है ऐसा ही काफी पैसा
देश की बीमा कंपनियों के पास भी इसी तरह का अनक्लेम्ड पैसा पड़ा हुआ है। देश में बहुत से ऐसे बीमाधारक हैं, जिन्होंने बीमा तो कराया है, लेकिन बीमा पूरा होने पर उसका क्लेम नहीं लिया है। जानकारी के अनुसार ऐसा होने के कई कारण है। इसमें एक बड़ा कारण है कि बीमा कराने वाला व्यक्ति घर में बताता ही नहीं कि उसका कोई बीमा है, और उसके न रहने पर घर वाले इसके चलते बीमा का पैसा क्लेम नहीं कर पाते हैं। बहुत से लोग इसलिए बीमा का पैसा क्लेम नहीं कर पाते हैं कि क्योंकि इन लोगों ने या तो बीमा के कागज खो दिए हैं, या बीमा पॉलिसी की कोई किस्त छोड़ी हुई है। इसके चलते उनका पैसा लैप्स हो जाता है।
वहीं बैंकों के मामले में ग्राहक का पता बदलना भी एक बड़ी वजह बताया जा रहा है। ऐसा होने के चलते उनके खाते में पड़ा पैसा नहीं दिया जा पा रहा है। इसके अलावा बहुत से ऐसे भी लोग होते हैं, जिनके पास कई खाते होते हैं और वह अपने किसी खाते में पैसे बिना क्लेम करे ही छोड़ देते हैं।