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RIL : धीरूभाई वाली गलती नहीं कर रहे मुकेश, समय से पहले बांट रहे कंपनियां

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नई दिल्ली, सितंबर 11। अरबपति मुकेश अंबानी ने भारत की सबसे अधिक वैल्यू वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) में एक व्यापक उत्तराधिकार (सक्सेशन) प्लानिंग की तैयार कर ली है, जिसमें उनके बच्चों आकाश, ईशा और सबसे छोटे बेटे अनंत के लिए लीडरशिप भूमिकाओं की पहचान की गयी है। माना जा रहा है कि मुकेश अपने पिता धीरूभाई अंबानी की गलती को नहीं दोहराना चाहते। असल में धीरूभाई अंबानी रिलायंस का बंटवारा या उत्तराधिकार योजना बनाने से पहले ही गुजर गए। इससे उनके दोनों बेटों (मुकेश और अनिल) के बीच विवाद हुआ। भारत के सबसे बड़े कॉरपोरेट्स में से एक रिलायंस समूह के संस्थापक धीरूभाई का 2002 में निधन हो गया। उन्होंने कोई वसीयत नहीं छोड़ी थी, जिसके परिणामस्वरूप उनके दोनों बेटों में विवाद रहा। मगर मुकेश अंबानी ने इतिहास से सीखते हुए समय रहते ही अपने बच्चों को लीडरशिप थमा दी।

 

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किसके हाथ होगी किस सेक्टर की कमान

किसके हाथ होगी किस सेक्टर की कमान

मुकेश अंबानी ने तीन-तरफा विभाजन की घोषणा की। उन्होंने बेटे आकाश को जियो के डिजिटल बिजनेस की लीडरशिप सौंप दी। आकाश की जुड़वां बहन ईशा को रिलायंस के विशाल रिटेल कारोबार की बागडोर सौंप दी गयी है। वहीं 27 वर्षीय अनंत को ग्रुप के एनर्जी सेक्टर की जिम्मेदारी दे दी गयी है। बाकी मुकेश अंबानी भी अभी रिटायर नहीं हो रहे हैं। वे रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो प्लेटफॉर्म्स के प्रमुख बने रहेंगे। मगर उन्होंने बच्चों की जिम्मेदारी तय कर दी है।

पहले कैसे हुआ था बंटवारा
 

पहले कैसे हुआ था बंटवारा

जब अंबानी बंधुओं के बीच विवाद हुआ तो वो एक दशक तक चला। 2013 में उनकी मां कोकिलाबेन के ने उनके बीच बंटवारा किया जिससे विवाद समाप्त हुआ। हालांकि माना जाता है कि वो बंटवारा 70:30 के रेशियो के साथ मुकेश के पक्ष में था। यानी 70 फीसदी कारोबार मुकेश को मिला, जबकि बाकी 30 फीसदी अनिल को। मुकेश को ऑयल रिफाइनरी जैसे बिजनेस मिले। रिलायंस एनर्जी और रिलायंस कैपिटल जैसे कुछ नए बिजनेस अनिल अंबानी के पास गए।

मुकेश ने छुई नयी ऊचाइयां

मुकेश ने छुई नयी ऊचाइयां

मुकेश ने आरआईएल में अंबानी की 47% हिस्सेदारी की वैल्यू को कई गुना बढ़ा दिया। ये 2004 में 35,000 करोड़ रुपये की थी, जो आज 8 लाख करोड़ रुपये के करीब है। दूसरी ओर अनिल नाकामयाब रहे। वे ऊर्जा, रक्षा और मनोरंजन जैसे अधिकांश बिजनेस में सफलता हासिल नहीं कर सके।

अनिल को लगी अपनी उपेक्षा

अनिल को लगी अपनी उपेक्षा

धीरूभाई अंबानी ने कोई वसीयत नहीं छोड़ी। माना जाता है कि उन्हें लगा कि दोनों भाई एकजुट रहेंगे। मगर नतीजा उलट रहा। धीरूभाई की मृत्यु के बाद, मुकेश ने रिलायंस पर टाइट पकड़ बनाई। इसीलिए अनिल ने महसूस किया कि उनकी उपेक्षा की जा रही है।

रिलायंस का भविष्य

रिलायंस का भविष्य

जानकार मुकेश अंबानी के सक्सेशन प्लान की तारीफ कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि यह समूह धीरे-धीरे मगर लगातार ग्रोथ हासिल करेगा। तीनों बच्चों के बीच अपने कारोबार का बंटवारा किए जाने के मुकेश के फैसले को काफी सकारात्मक नजरिये से देखा जा रहा है। इससे होगा यह कि कोई उपेक्षित नहीं महसूस करेगा। तीनों के पास अपने कारोबार को नयी ऊंचाई तक ले जाने की जिम्मेदारी होगी। रिलायंस को आने वाले समय में तीन युवा लीडर मिलने जा रहे हैं।

English summary

RIL Mukesh is not doing the same mistake as Dhirubhai companies are distributing ahead of time

Handed over the leadership of Jio's digital business to Akash. Akash's twin sister Isha has been handed over the reins of Reliance's massive retail business. At the same time, 27-year-old Anant has been given the responsibility of the energy sector of the group.
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