RIL करेगा ऑयल टू केमिकल बिजनेस को डिमर्ज, जानिए वजह
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक बड़ी घोषणा की है। रिलायंस ने ओ2सी कारोबार के डीमर्जर का एलान किया है। दरअसल आरआईएल अपने ऑयल और केमिकल बिजनेस के लिए अलग कंपनी बनाने जा रही है।
नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक बड़ी घोषणा की है। रिलायंस ने ओ2सी कारोबार के डीमर्जर का एलान किया है। दरअसल आरआईएल अपने ऑयल और केमिकल बिजनेस के लिए अलग कंपनी बनाने जा रही है। कंपनी के ऑयल और गैस बिजनेस के लिए नई सब्सडियरी बनेगी। जिसमें पेट्रो केमिकल, गैस, फ्यूल रिटेलिंग जैसे कारोबार शामिल होंगे। बता दें कि कंपनी ने कहा डीमर्जर से ओ2सी कारोबार में नए मौके तलाशने में मदद मिलेगी। इस डीमर्जर से सउदी अरामको जैसे निवेशकों को लाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही ओ2सी कारोबार में नए मौके तलाशने में मदद भी मिलेगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ऑयल टू केमिकल बिजनेस को अलग किया
इस डीमर्जर को वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही तक सभी मंजूरी मिलने की संभावना है। आरआईएल इस नई सब्सिडियरी को 10 साल के लिए लोन देगी। कंपनी द्वारा नई सब्सिडियरी को 25 अरब डॉलर का लोन दिया जायेगा। इस लोन की रकम से सब्सिडियरी ओ2सी कारोबार खरीदेगी। हालांकि ओ2सी कारोबार का लोन आरआईएल के पास ही रहेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने आज मंगलवार 23 फरवरी को कहा कि कंपनी अपने ऑयल टू केमिकल कारोबार की एक स्वतंत्र और नई सब्सिडियरी बनायेगा लेकिन साथ ही कंपनी ने कहा कि इस नई सब्सिडियरी का 100 प्रतिशत प्रबंधन नियंत्रण कंपनी के पास ही होगा।
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कारोबार से ग्रोथ बढ़ेगी
आरआईएल ने एक्सचेंजेस को दिये एक नोटिफिकेशन में कहा है कि रिऑर्गेनाइजेशन के बाद भी प्रमोटर ग्रुप के पास ओ2सी कारोबार का 49.14 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी और इस प्रक्रिया का कंपनी की हिस्सेदारी पर कोई परिणाम नहीं होगा। मॉर्गन स्टेनली ने आरआईएल पर ओवरवेट रेटिंग दी है और लक्ष्य को 2252 रुपये तय किया है। डीमर्जर से कंपनी के पास ग्रोथ वाले 4 कारोबार होंगे। कंपनी की डिजिटल, रिटेल, न्यू एनर्जी कारोबार से ग्रोथ बढ़ेगी। वहीं न्यू मटेरियल कारोबार से ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। इसके साथ ही मार्केट को डिजिटल और रिटेल में वैल्यू दिख रहा है।
पिछले साल शुरू किया था अलग करने का काम
सऊदी अरामको जैसी कंपनियों को संभावित हिस्सेदारी की बिक्री के लिए रिलायंस ने पिछले साल एक अलग इकाई में ओ 2 सी बिजनेस को ट्रांसफर करने का काम शुरू किया। जुलाई 2019 में अंबानी ने कहा था कि ओ 2 सी को अलग करने की प्रक्रिया में एक अलग सब्सिडियरी 2021 की शुरुआत तक पूरी हो जाएगी। रिलायंस, गुजरात के जामनगर में 68.2 मिलियन टन प्रतिवर्ष की संयुक्त क्षमता के साथ दो ऑयल रिफाइनरियों की मालिक है। कंपनी केजी-डी 6 ब्लॉक में 66.6 पर्सेंट हिस्सेदारी रखती है जहां वह बीपी के साथ गैस खोजों का दूसरा सेट विकसित करने में लगभग 5 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश कर रही है।