झटका : जनवरी के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई, औद्योगिक उत्पादन घटा
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार सितंबर में खुदरा महंगाई 7.34 फीसदी पर पहुंच गई, जो कि जनवरी के बाद इसका सबसे ऊंचा स्तर है। आम आदमी के लिए ये एक बड़ा झटका है। सितंबर में खुदरा महंगाई बढ़ने के पीछे बड़ा कारण कुछ खाद्य उत्पादों की कीमतों में तेज वृद्धि होना है। अगस्त में 9.05 प्रतिशत की तुलना में खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने 10.68 प्रतिशत दर्ज की गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में 6.69 प्रतिशत थी।
किन चीजों पर बढ़ी महंगाई
अगस्त में सब्जियों की महंगाई दर 11.71 प्रतिशत के मुकाबले सितंबर में 20.73 प्रतिशत रही। वही ईंधन और बिजली मुद्रास्फीति पिछले महीने 2.87 प्रतिशत रही, जो अगस्त में 3.10 प्रतिशत दर्ज की गई थी। दालों की महंगाई दर अगस्त में 14.44 प्रतिशत के मुकाबले सितंबर में 14.67 प्रतिशत रही थी। आपको बता दें कि खुदरा मुद्रास्फीति मुख्य रूप से आरबीआई द्वारा लिए जाने वाले नीतिगत फैसलों में बहुत अहम होती है। ये आरबीआई के कम्फर्ट लेवल से ऊपर ही चल रही है। आरबीआई एमपीसी को 31 मार्च 2021 तक 4 प्रतिशत की वार्षिक मुद्रास्फीति बनाए रखनी है। इसमें ऊपरी लिमिट 6 प्रतिशत और निचली लिमिट 2 प्रतिशत है।
औद्योगिक उत्पादन घटा
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में औद्योगिक उत्पादन भी गिरा। अगस्त में इसमें 8 फीसदी की गिरावट आई। इसके पीछे असल कारण विनिर्माण, खनन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों का कम उत्पादन है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 8.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि खनन और बिजली सेगमेंटों का उत्पादन क्रमश: 9.8 प्रतिशत और 1.8 प्रतिशत गिर गया। अगस्त 2019 में आईआईपी में 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि कोरोना से पहले और बाद के महीनों में आईआईपी की तुलना करना उचित नहीं होगा।
लगातार छठे महीने घटा 8 कोर इंडस्ट्रीज का प्रोडक्शन, महंगाई भी हुई कम