खुदरा महंगाई दर दिसंबर महीने में 7.35 फीसदी पर पहुंची
खाने-पीने की चीजें महंगी होने से दिसंबर में खुदरा महंगाई दर में फिर इजाफा हो गया है। दिसंबर माह में प्याज, टमाटर सहित खाद्य तेलों की महंगाई ने खुदरा महंगाई दर के पिछले चार सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
नई दिल्ली: खाने-पीने की चीजें महंगी होने से दिसंबर में खुदरा महंगाई दर में फिर इजाफा हो गया है। दिसंबर माह में प्याज, टमाटर सहित खाद्य तेलों की महंगाई ने खुदरा महंगाई दर के पिछले चार सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसदी रही थी। यह भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान (दो से छह फीसदी) से भी ज्यादा पहुंच गई। हालांकि कोर महंगाई दर अभी 3.7 फीसदी है, जो पिछले साल के मुकाबले थोड़ी से ज्यादा है।
इसके अलावा खाद्य महंगाई दर में भी साल के आखिरी महीने में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, नवंबर में खाद्य महंगाई दर 10.01 फीसदी थी, जो दिसंबर में बढ़कर 14.12 फीसदी हो गई। दरअसल महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार को पिछले कुछ महीनों से लगातार पिछड़ रही है। अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 4.62 फीसदी थी, जो नवंबर में बढ़कर 5.54 फीसदी हो गई। जबकि सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 3.99 फीसदी थी।
खुदरा महंगाई दर में लगातार 5वें महीने इजाफा
- जुलाई 3.15%
- अगस्त 3.28%
- सितंबर 3.99%
- अक्टूबर 4.62%
- नवंबर 5.54%
- दिसंबर 7.35%
दिसंबर महीने में 150 रुपये किलो तक बिका प्याज
आंकड़ों की मानें तो प्याज, टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों में इजाफा होने के कारण दिसंबर में खुदरा महंगाई दर ये उछाल देखने को मिला है। पिछले कुछ महीने से प्याज की कीमत आसमान छू रही है। दिसंबर महीने में कई सप्ताह तक प्याज 150 रुपये किलो तक बिक रहा था। अभी भी प्याज का मार्केट रेट 60 रुपये किलो के करीब है। महंगाई दर में तेजी के पीछे महंगा प्याज भी एक बड़ा कारक माना जा रहा है। इसके अलावा पेट्रोल-डीजल के दामों में भी बढ़ोतरी से खुदरा महंगाई दर बढ़ी है।
6 फरवरी को ब्याज दरों की घोषणा करेगा आरबीआई
जानकारी के मुताबिक 50 अर्थशास्त्रियों ने दिसंबर में महंगाई दर के 6.20 फीसद के आंकड़े तक पहुंचने का अनुमान लगाया था। वहीं, आरबीआई ने भी मुद्रास्फीति को 4-6 फीसद के बीच रहने की बात कही थी। बजट 2020 से पहले खुदरा महंगाई से जुड़े ये आंकड़े काफी अहम साबित हो सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इसके कुछ दिन बाद ही 6 फरवरी को आरबीआई ब्याज दरों की घोषणा करेगा। आरबीआई ने दिसंबर में अपनी द्विमासिक आर्थिक समीक्षा में महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए ब्याज दर में कटौती का फैसला नहीं करके सभी विश्लेषकों को चौंका दिया था। सभी आर्थिक विश्लेषक डिमांड में कमी को देखते हुए आरबीआई की ओर से बेंचमार्क दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे थे।
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