दिसंबर में खुदरा महंगाई 4.59 फीसदी तक घटी, औद्योगिक उत्पादन में भी गिरावट
नयी दिल्ली। महंगाई के मोर्चे पर आम जनता के लिए राहत की खबर आई है। दिसंबर 2020 में खुदरा महंगाई दर घट कर 4.59 फीसदी रह गई, जो नवंबर में 6.93 फीसदी पर पहुंच गई थी। दिसंबर का खुदरा महंगाई डेटा भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के 6 प्रतिशत के ऊपरी मार्जिन की रेंज में गया है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दोनों तरफ (अधिकतम और न्यूनतम) 2 फीसदी के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत के दायरे में रखने को कहा है। यानी अधिकतम 6 फीसदी और न्यूनतम 2 फीसदी। आरबीआई अपनी द्वि-मासिक मौद्रिक नीति बनाते समय खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। पिछले महीने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था।
क्यों घटी खुदरा महंगाई
दिसंबर में खुदरा महंगाई में गिरावट मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में कमी के कारण आई। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) या खाद्य महंगाई दर दिसंबर महीने में 3.41 प्रतिशत तक लुढ़क गई, जो नवंबर में 9.50 प्रतिशत फीसदी थी। खाद्य महंगाई दर में 6 फीसदी से ज्यादा तगड़ी कमी आई। खाद्य महंगाई सब्जी की कीमतों में भारी गिरावट के कारण घटी। दिसंबर में सब्जियों की कीमतें -10.41 फीसदी तक गिरीं।
औद्योगिक उत्पादन में गिरावट
सरकार ने नवंबर के औद्योगिक उत्पादन के भी आंकड़े जारी किए हैं। बता दें कि नवंबर 2020 में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) 1.9 फीसदी की गिरावट के साथ 126.3 रह गया। नवंबर 2019 में इसमें 2.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी थी। वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक (अप्रैल-नवंबर) औद्योगिक ग्रोथ -15.5 प्रतिशत रही है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 0.3 प्रतिशत बढ़ी थी। नवंबर के दौरान आईआईपी डेटा में गिरावट मुख्य रूप से खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के कारण आई। खनन क्षेत्र में नवंबर में सालाना आधार पर -7.3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि विनिर्माण क्षेत्र में -1.7 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि बिजली क्षेत्र 3.5 प्रतिशत बढ़ कर 144.8 हो गया।
झटका : जनवरी के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई, औद्योगिक उत्पादन घटा