राहत : अप्रैल में घटी खुदरा महंगाई, ओद्योगिक उत्पादन में हुई बढ़त
नई दिल्ली, मई 12। आम जनता के लिए महंगाई के मोर्चे पर एक राहत भरी खबर आई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अप्रैल के महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 4.29 फीसदी तक घट गई। यह मार्च में 5.52 फीसदी थी। यह लगातार पांचवां महीना है जब खुदरा महंगाई भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के 6 प्रतिशत के ऊपरी मार्जिन के अंदर रही है। सरकार ने केंद्रीय बैंक से मार्च 2026 को समाप्त होने वाली पांच साल की अवधि के लिए खुदरा मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए कहा है। यानी अधिकतम 6 फीसदी और न्यूनतम 2 फीसदी।
क्यों कम हुई खुदरा महंगाई
पिछले महीने खुदरा मुद्रास्फीति में आई कमी का असल कारण खाद्य कीमतों में नरमी है। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) या खाद्य महंगाई अप्रैल में 2.02 प्रतिशत पर आ गई, जो मार्च में 4.87 प्रतिशत थी। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए 5.2 फीसदी की मुद्रास्फीति का अनुमान लगाया है।
औद्योगिक उत्पादन बढ़ा
इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) द्वारा मापा जाने वाला भारतीय औद्योगिक उत्पादन पिछले साल मार्च के मुकाबले इस साल मार्च में 22.4 प्रतिशत बढ़ा। पिछले साल मार्च में देश भर में लॉकडाउन की वजह से कारोबारी गतिविधियां सीमित रही थीं। मार्च में खनन उत्पादन 6.1 प्रतिशत बढ़ा। वहीं विनिर्माण उत्पादन 25.8 प्रतिशत बढ़ा। इसेक अलावा बिजली उत्पादन में भी 22.5 फीसदी की बढ़त हुई।
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पूरे साल में घटा आईआईपी
महामारी और प्रतिबंधों के कारण, वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान आईआईपी में 8.6 प्रतिशत की गिरावट आई। इससे पहले 2019-20 में भी इसमें 0.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी। मार्च 2021 के महीने के लिए खनन, विनिर्माण और बिजली क्षेत्रों के लिए औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक क्रमशः 139.0, 140.4 और 180.0 पर रहा।