Reliance : बहुत जल्द कर्ज हो जाएगा जीरो, सही रास्ते पर है कंपनी
नयी दिल्ली। एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपना कर्ज शून्य करने का लक्ष्य रखा है। इसीलिए कंपनी ने पिछले कुछ हफ्तों में 1.3 लाख करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर रिलायंस दिग्गज तेल कंपनी सऊदी अरामको के साथ डील में देरी भी हुई तो भी ये अपना पूरा कर्ज चुका देगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज मार्केट कैपिटल के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। रिलायंस ने अपनी डिजिटल इकाई, जियो प्लेटफॉर्म्स, में थोड़ी हिस्सेदारी बेच दी है। कंपनी ने सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी, केकेआर और जनरल अटलांटिक जैसी निजी इक्विटी फर्मों से इसकी हिस्सेदारी बेच कर 78,562 करोड़ रुपये जुटाए है। साथ ही रिलायंस राइट्स इश्यू के जरिए 53,125 करोड़ रुपये जुटा रही है।
इसी वित्त वर्ष में चुका देगी पूरा कर्ज
पिछले कुछ समय में रिलायंस ने 1.3 लाख करोड़ रु जुटाए हैं। इसी आधार पर उम्मीद है कि कंपनी इसी वित्त वर्ष में अपना 1.6 लाख करोड़ रुपये का पूरा कर्ज चुका देगी। फिर भले ही सऊदी अरामको के साथ होने वाली डील में देरी ही क्यों न हो। हालांकि कंपनी पर एडजस्टेड शुद्ध कर्ज 2.57 लाख करोड़ रु है, जिसमें थोड़ा समय लग सकता है। रिलायंस जियो के पूंजीगत व्यय पूरे हैं, जिससे तेल-गैस से कम कमाई के बावजूद 2020-21 में रिलायंस के 20000 करोड़ रु से ज्यादा का फ्री कैश फ्लो जनरेट करने की उम्मीद है।
जियो प्लेटफॉर्म्स के 20 हिस्से की बिक्री संभव
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एक ब्रोक्रेज फर्म के मुताबिक रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स की 20 फीसदी तक हिस्सेदारी बेच सकती है। इसके अलावा कंपनी राइट्स इश्यू से पैसा जुटा रही है। वहीं ये फ्यूल रिटेल कारोबार की 49 फीसदी हिस्सेदारी बीपी को बेच कर 7000 करोड़ रुपये जुटाएगी। इस सबसे कंपनी को 1.3 लाख करोड़ रु हासिल होंगे, जो इसके शून्य कर्ज वाली कंपनी बनने के सही रास्ते पर होने की दलील है। वैसे 2.57 लाख करोड़ रु के एडजस्टेड कर्ज को चुकाने के लिए रिलायंस को ऑयल-टू-केमिकल और फाइबर इनविट में भी हिस्सा बेचना पड़ सकता है।
दिसंबर तक शून्य होगा कर्ज
एक रिसर्च फर्म ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि राइट्स इश्यू के सहारे कंपनी कर्जमुक्त होने का लक्ष्य समय से पहले ही हासिल कर सकती है। रिलायंस पर इस समय 1.61 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। फेसबुक डील, सऊदी अरामको के साथ समझौता और राइट्स इश्यू के जरिए अनुमान लगाया जा रहा है रिलायंस दिसंबर तक ही कर्जमुक्त हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस को 2020 में 36,625 करोड़ रुपये और 2021 में 45,498 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना है। इस कड़ी में सऊदी अरामको के साथ होने वाला सौदा काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि अगर कंपनी ने सऊदी अरामको को 5 फीसदी हिस्सेदारी भी बेची तो ये काफी बड़ी डील होगी।
Anil Ambani पर एक और मुसीबत, कर्जदार बेच रहे उनकी Reliance Naval