Reliance ने पलट दिया इतिहास, राइट्स इश्यू से बना दिया World Record
नयी दिल्ली। एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है। मार्केट कैपिटल के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस ने 53124 करोड़ रुपये राइट्स इश्यू का ऐलान किया था, जो 20 मई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और आज 3 जून को बंद हो रहा है। रिलायंस का ये राइट्स इश्यू पिछले 10 सालों में किसी नॉन-फाइनेंशियल जारीकर्ता द्वारा लाया गया दुनिया में सबसे बड़ा राइट्स इश्यू रहा, जो एक रिकॉर्ड है। रिलायंस के राइट्स इश्यू में प्रत्येक 15 शेयरों के लिए 1257 रुपये के भाव पर 1 शेयर ऑफर किया जाना था। कंपनी ने निवेशकों को ऑफर देते हुए ऐलान किया था कि 1,257 रुपये प्रति शेयर की कीमत में से सब्सक्रिप्शन के समय उन्हें केवल 25 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। बाकी 25 फीसदी मई 2021 और शेष 50 फीसदी राशि का भुगतान नवंबर 2021 में करना होगा।
और कौन है टक्कर में
एनालिस्ट फर्म Dealogic के आंकड़ों के अनुसार यह इश्यू पिछले 10 वर्षों में किसी भी नॉन-फाइनेंशियल जारीकर्ता द्वारा लाया गया दुनिया में सबसे बड़ा इश्यू है। इससे पहले जून 2018 में Bayer AG 7.002 अरब डॉलर का इश्यू लाई थी, जो रिलायंस के राइट्स इश्यू के करीब था। वहीं एशिया में सबसे बड़ा इश्यू दिसंबर 2010 में बैंक ऑफ चाइना लाया था, जिसकी वैल्यू 8.96 अरब डॉलर थी। बता दें कि कंपनी ने 30 अप्रैल को राइट्स इश्यू के जरिए 53,125 करोड़ रुपये का फंड जुटाने की घोषणा की थी, जो भारत का इस तरह का सबसे बड़ा इश्यू है।
पिछले दशक के बड़े राइट्स इश्यू
जानकारी के लिए बता दें कि Dealogic के अनुसार 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू अप्रैल 2009 में एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी लाई थी, जिसका साइज 19.57 अरब डॉलर था। इसके बाद अक्टूबर 2010 में ड्यूश बैंक 13.96 अरब डॉलर का इश्यू लाया। फिर 13.69 अरब डॉलर का इश्यू यूनिक्रेडिट लाई। जहां तक रिलायंस के इश्यू का सवाल है तो सोमवार तक इसे पूरी तरह सब्सक्राइब कर लिया गया। सोमवार को रिलायंस के राइट्स इश्यू को 1.1 गुना आवेदन मिल गए थे। आज पूरा होने तक इसमें बढ़ोतरी संभव है।
क्या होता है राइट्स इश्यू
कंपनियो के पास कारोबार बढ़ाने, संपत्ति खरीदने या कर्ज चुकाने के लिए राइट्स इश्यू एक अच्छा ऑप्शन होता है। राइट्स इश्यू में कंपनी नए शेयरों को सिर्फ अपने मौजूदा शेयरधारकों को ही बेचती है। वैसे कंपनियों के लिए पैसों की आवश्यकता पूरे करने के लिए कई विकल्प होते हैं, जिनमें राइट्स इश्यू के अलावा प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) और फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) शामिल है। आईपीओ केवल उन कंपनियों के लिए होता है जो स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट न हो और पहली बार निवेशकों को शेयर बेच रही हो। एफपीओ के मामले में, पहले से लिस्टेड कंपनी नए शेयर बेचती है।
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