कृषि कानूनों के विरोध के बीच RIL की पहल, MSP से ज्यादा पर खरीदेगी धान
नयी दिल्ली। कर्नाटक में संशोधित एपीएमसी अधिनियम की घोषणा के बाद किसी भी बड़ी कॉर्पोरेट इकाई और किसानों के बीच पहले बड़े लेनदेन में रिलायंस रिटेल ने रायचूर जिले के सिंदुर तालुका के किसानों से 1,000 क्विंटल सोना मसूरी धान खरीदने का सौदा दिया है। रिलायंस रिटेल मार्कट कैपिटल के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडरी कंपनी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी हैं। रिलायंस रिटेल ने ये सौदा ऐसे समय पर किया है, जब हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कॉन्ट्रैक्ट या कॉर्पोरेट खेती में कदम रखने की किसी भी योजना से इनकार किया था। रिलायंस ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध भी जताई थी।
एमएसपी पर रिलायंस का रुख
रिलायंस ने ये भी कहा था कि रिलायंस रिटेल किसानों से सीधे अनाज नहीं खरीदती। रिलायंस ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का समर्थन किया। मगर नये सौदे में रिलायंस रिटेल धान के लिए कर्नाटक के किसानों से एमएसपी से अधिक रेट पर धान खरीदेगी। रिलायंस के पास रजिस्टर्ड एजेंटों ने स्वास्थ्य फार्मर प्रोड्यूसिंग कंपनी (एसएफपीसी) के साथ समझौता किया। हालांकि एसएफपीसी मुख्य रूप से तेल में ट्रेड करती है, मगर फर्म ने अब धान की खरीद और बिक्री में रफ्तार बढ़ाई है। करीब 1,100 धान किसानों ने इसके साथ रजिस्ट्रेशन कराया है।
एमएसपी से ज्यादा कर रही भुगतान
रिलायंस रिटेल के अनुसार फसल में 16 फीसदी से कम नमी होनी चाहिए। इसके अलावा कंपनी सोना मसूरी के 1,950 रुपये प्रति क्विंटल के भाव की पेशकश कर रही है, जो सरकार द्वारा निर्धारित फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 82 रुपये अधिक है (1,868 रुपये)। किसानों के साथ हर डील पर एसएफपीसी को प्रति 100 रुपये की लेनदेन पर 1.5 फीसदी कमीशन मिलता है। किसानों को फसल को पैक करने और सिंधानुर में गोदाम तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बोरियों का खर्च वहन करना पड़ता है।
कृषि कानूनों पर अफवाह
केंद्र सरकार के नये तीन कृषि कानूनों का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। इन कानूनों के विरोध के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज को लेकर भी कई अफवाहें फैल रही थीं। जैसे कि इन कानूनों के आने से रिलायंस कृषि क्षेत्र में अपना दबदबा बना लेगी। इन्हीं अफवाहों पर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सफाई दी थी। मगर कंपनी ने अब एमएसपी से अधिक रेट धान खरीदने की डील की है।
कितनी होगी खरीदारी
थर्ड पार्टी गोदाम में मौजूद धान की क्वालिटी चेक करेगी। क्वालिटी बेहतर पाए जाने के बाद रिलायंस के एजेंट फसल की खरीद करेंगे। इस समय गोदाम में 500 क्विंटल धान रखा हुआ है। कंपनी के एजेंट किसी भी समय खरीदारी कर सकते हैं। एक बार फसल खरीद लेने पर तो रिलायंस एसएफपीसी को ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करेगी और ये पैसा सीधे किसानों के खातों में भेजा जाएगा।
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