Reliance : तीसरी तिमाही में फिर हुआ बंपर मुनाफा
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की तरफ से वित्तीय वर्ष 2020-21 तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए गए हैं। रिलायंस ने अपने सभी व्यवसायों में बेहतरीन वृद्धि दर्ज की है।
नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की तरफ से वित्तीय वर्ष 2020-21 तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए गए हैं। रिलायंस ने अपने सभी व्यवसायों में बेहतरीन वृद्धि दर्ज की है। देश के सबसे धनी कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का नेट प्रॉफिट दिसंबर 2020 तिमाही में इससे पिछली तिमाही के मुकाबले 40.48% और इससे एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 25.78% बढ़ा। कंपनी ने अक्टूबर-दिसंबर 2020 तिमाही में 14,894 करोड़ रुपए का कंसॉलिडेटेड शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 11,841 करोड़ रुपए और जुलाई-सितंबर 2020 तिमाही में 10,602 करोड़ रुपए था।
वहीं कंपनी की कुल आय इस दौरान तिमाही आधार पर 6.64% बढ़ी, लेकिन सालाना आधाार पर यह 19.94% घट गई। दिसंबर तिमाही में कंपनी की कुल आय 128,450 करोड़ रुपए रही, जो इससे एक तिमाही पहले 1,20,444 करोड़ रुपए और इससे एक साल पहले की समान तिमाही में 1,60,447 करोड़ रुपए थी।
कोरोना महामारी के कठिन समय में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 50,000 नई नौकरियाँ दीं। इस तिमाही में जियो प्लैटफॉर्म्स का राजस्व एक्सेस राजस्व मिलाकर 22,858 करोड़ रुपये रहा, जो (क्रमिक रूप से) 5.3% ज़्यादा है। जियो प्लैटफॉर्म्स का इस तिमाही का EBITDA 8,483 करोड़ रुपये रहा जो 6.4% ज़्यादा है। जियो प्लेटफार्म्स का शुद्ध लाभ 15.5% (Q-o-Q) बढ़कर 3,489 करोड़ रुपये हो गया।
पिछली तिमाही में कैसे रहे थे नतीजे
रिलायंस इंडस्ट्रीज का दूसरी तिमाही में मुनाफा 15 फीसदी की गिरावट आई थी। कंपनी को 9567 करोड़ का मुनाफा हुआ था। ऐसा तेल कारोबार और केमिकल बिजनेस में गिरावट की वजह से हुआ था। दूसरी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 1.56 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 1.2 लाख करोड़ पर आ गया था।
दिसंबर तिमाही में रिलायंस जियो का ARPU 145 रुपये पर पहुंच गया, जबकि कंपनी के सब्समक्राइबर्स में 7.3 मिलियन का इजाफा हुआ था। रिलायंस जियो को वित्त वर्ष 2020-21 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 2,844 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। कंपनी का रेवेन्यू 33 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 17,481 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
वहीं दूसरी तिमाही में रिटेल कारोबार से रेवेन्यू 39,199 करोड़ रुपये पर लगभग फ्लैट रहा। वहीं, EBITDA 14 फीसदी गिरकर 2,009 करोड़ रुपये हो गया। फार्मास्युटिकल रेवेन्यू 23 फीसदी घटकर 29,665 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
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