RBI की चेतावनी : जोखिम में वर्तमान विकास दर अनुमान
नयी दिल्ली। गुरुवार को सरकार ने कोरोनावायरस से प्रभावित लोगों और गरीबों के लिए कई राहत भरी घोषणाएं की थीं। इसके बाद आज आरबीआई ने कई बड़े ऐलान किय हैं। कोरोनावायरस से लग रहे आर्थिक झटकों ने निपटने के लिए आरबीआई ने अगले महीने होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक पहले ही कर ली। आरबीआई ने लोगों को लोन, ब्याज, रेपो रेट आदि पर कई बड़ी घोषणाएं की हैं। मगर आरबीआई ने जीडीपी सहित कुछ चेतावनियां भी दी हैं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 20-1920 के लिए भारत की 4.4 अनुमानित विकास दर खतरा में है और फैलती कोरोनोवायरस महामारी के बीच वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आउटलुक स्पष्ट नहीं है।
नहीं लगाया कोई अनुमान
कोरोनावायरस के कारण स्थिति कैसी होती जा रही है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आरबीआई ने विकास दर या महंगाई के लिए कोई अनुमान नहीं लगाया है। आरबीआई गवर्नर दास ने यह भी कहा कि ग्रोथ आउटलुक कोरोनावायरस महामारी की तीव्रता, गति और अवधि पर निर्भर करेगा। दास ने आगे कहा कि 2019-20 की चौथी तिमाही के लिए 4.7 प्रतिशत की विकास दर भी जोखिम में है। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर उन्होंने कहा कि मंदी दुनिया में हर जगह ग्रोथ की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में खाने-पीने की चीजों में कमी आएगी।
घटाई रेपो रेट
आरबीआई ने रेपो रेट भी कम की है। कोरोनावायरस के कारण बिगड़ते आर्थिक हालातों को देखते हुए कई विदेशी केंद्रीय बैंक पहले ही ब्याज दरें घटा चुके हैं। आरबीाई ने रेपो रेट में एक साथ 75 आधार अंकों की कटौती की है। इससे रेपो रेट 5.1 फीसदी से गिर कर 4.4 फीसदी पर आ गई है।
विकास दर के लिए घटे अनुमान
इससे पहले कई रेटिंग एंजेसियां भारत की विकास दर के लिए अपना अनुमान कर चुकी हैं। इनमें स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) और मूडीज शामिल हैं। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए भारत की अनुमानित विकास 5.7 फीसदी से घटा कर 5.2 फीसदी कर दी है। वहीं ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज के अनुसार 2020 में भारत की विकास दर 5.3 फीसदी रह सकती है।
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