Yes Bank की सहूलियत के लिए आरबीआई ने उठाया एक और कदम
नयी दिल्ली। यस बैंक के ऊपर लगी पाबंदियां हटा दी गयीं हैं और बैंक अपनी सारी सेवाएं शुरू कर चुका है। यस बैंक में नकदी की कोई किल्लत न हो इसलिए आरबीआई ने एक और कदम उठाया है। जमाकर्ताओं को जमा पैसा लौटाने में नकदी को लेकर किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसलिए केंद्रीय बैंक ने यस बैंक के लिए क्रेडिट लाइन को 60,000 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है। यस बैंक ने आज से ही अपनी बैंकिंग सेवाएं शुरू की हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इस बात की घोषणा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से पहले ही कर दी गयी थी। उन्होंने ने सोमवार को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि यदि पाबंदी हटने के बाद यस बैंक को नकदी की जरूरत हुई तो केन्द्रीय बैंक इसके लिए तैयार है। दरअसल ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि यस बैंक के ऊपर से पाबंदी हटने से इसके ग्राहक अपना पैसा निकालने के लिए हड़बड़ी दिखा सकते हैं।
16 साल आरबीआई ने उठाया कदम
क्रेडिट लाइन के मामले में आरबीआई ने 16 साल बाद ऐसा फैसला लिया है। इससे पहले 2004 में ग्लोबल ट्रस्ट बैंक के लिए आरबीआई ने ऐसा ही कदम उठाया था। इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय बैंक के सूत्रों के अनुसार आरबीआई के आकलन में पाया गया है कि यस बैंक में नकदी की समस्या थी लेकिन सोल्वेंसी या अन्य कोई समस्या नहीं है। चौथे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक की हालत खराब देखते हुए रिजर्व बैंक ने इसके प्रबंधन को बर्खास्त कर दिया और 5 मार्च की शाम को इसे एक एडमिनिस्ट्रेटर की देखरेख में रख दिया था।
एटीएम में भरपूर पैसा
इससे पहले यस बैंक के एडमिनिस्ट्रेटर प्रशांत कुमार ने कहा था कि यस बैंक के सभी एटीएम में पर्याप्त पैसा है और नकदी की कोई दिक्कत नहीं है। बता दें कि आरबीआई की योजना के तहत यस बैंक को संकट से निकालने के लिए एसबीआई सहित 8 बैंक आगे आये, जो इसमें निवेश करेंगे। वहीं यस बैंक ने भी अपने बोर्ड के पुनर्गठन को हरी झंडी दिखा दी। इससे प्रशांत कुमार ही यस बैंक के नये एमडी और सीईओ होंगे। वे 26 मार्च से यस बैंक में अपना चार्ज संभालेंगे। कुमार एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी और उप प्रबंध निदेशक रह चुके हैं।
कई बड़े कारोबारी जांच के दायरे में
बता दें कि यस बैंक मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। ईडी ने कई बड़े कारोबारियों को समन भेजा था, जिनमें रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी, एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा, जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल, डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वाधवान और अवंता रियल्टी के प्रमोटर गौतम थापर शामिल हैं। इनमें से सिर्फ अनिल अंबानी ही आज ईडी के सामने पेश हुए। ये सभी वे कारोबारी हैं, जिन्हें यस बैंक के पूर्व चेयरमैन राणा कपूर के कार्यकाल के दौरान लोन इससे लोन मिला था। राणा कपूर फिलहाल अरेस्ट हैं और उनके खिलाफ जांच चल रही है।
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