For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

RBI : आईपीओ और गिल्ट फंड में UPI से हो सकेगा 5 लाख रु तक का निवेश

|

नई दिल्ली, दिसंबर 8। खुदरा निवेशक अब किसी कंपनी के आईपीओ और आरबीआई की डायरेक्ट रिटेल स्कीम तहत सरकारी बॉन्ड में निवेश के लिए 5 लाख रुपये तक की पेमेंट यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) से कर सकेंगे। इस तरह के निवेश के लिए पहले निवेश की लिमिट पहले 2 लाख रुपये थी। 8 दिसंबर को अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू) में, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि लेन-देन की वॉल्यूम के मामले में यूपीआई देश में सबसे बड़ा रिटेल पेमेंट सिस्टम है, जो इसकी बड़े स्तर लोगों के बीच स्वीकृति को दर्शाता है। इसे खास कर अब छोटे मूल्य के भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

 

एक और बैंक पर सख्त हुआ RBI, लगाए प्रतिबंध, ग्राहक निकाल सकेंगे सिर्फ 10000 रुएक और बैंक पर सख्त हुआ RBI, लगाए प्रतिबंध, ग्राहक निकाल सकेंगे सिर्फ 10000 रु

फीचर फोन यूजर भी कर सकेंगे यूपीआई

फीचर फोन यूजर भी कर सकेंगे यूपीआई

डिजिटल भुगतान का विस्तार करने और इसके दायरे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने के लिए और साथ ही उपभोक्ताओं के लिए लेनदेन को आसान बनाने के लिए आरबीआई ने यूपीआई-आधारित भुगतान उत्पादों को फीचर फोन यूजर्स के लिए भी शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। फीचर फोन ग्राहकों के यूपीआई इस्तेमाल से वित्तीय बाजारों के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे ग्राहकों की अधिक भागीदारी होगी और सर्विस प्रोवाइडर की क्षमता में वृद्धि होगी।

छोटी राशि की पेमेंट होगी आसान
 

छोटी राशि की पेमेंट होगी आसान

आरबीआई ने यूपीआई ऐप्लिकेशंस में 'ऑन-डिवाइस' वॉलेट पेमेंट के माध्यम से छोटी राशि के लेनदेन के लिए प्रोसेस फ्लो को "सरल" बनाने का भी प्रस्ताव किया है। गवर्नर ने कहा कि आरबीआई ने डिजिटल भुगतान मोड जैसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, वॉलेट और यूपीआई के माध्यम से भुगतान के लिए विभिन्न शुल्कों पर ग्राहकों की चिंता पर एक डिस्कशन पेपर जारी करने का प्रस्ताव किया है।

क्या है प्रस्ताव

क्या है प्रस्ताव

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पेमेंट सिस्टम में विभिन्न शुल्कों पर एक चर्चा पत्र (डिस्कशन पेपर) जारी करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें सभी तरह की चिंताओं को कम करने की संभावित अप्रोच हैं ताकि डिजिटल लेनदेन को और अधिक किफायती बनाया जा सके। बता दें कि आज अपनी अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।

कितनी है रेपो रेट

कितनी है रेपो रेट

रेपो रेट पहले की तरह 4 फीसदी पर बनी रहेगी। वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बरकरार रहेगी। आपको बता दें कि रेपो रेट मई 2020 से लगातार 4 फीसदी पर बनी हुई है। रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष की यह चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की 3 दिवसीय बैठक सोमवार को शुरू हुई थी। मौद्रिक नीति की घोषणा का ऐलान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया।

कोरोना का असर

कोरोना का असर

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनिया में कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट का खतरा बढ़ रहा है, ऐसे में रेपो और रिवर्स रेपो रेट को नहीं बदला जा रहा है। इसी के साथ शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था के लिए एकोमडेटिव नजरिया बनाए रखा है। मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के 6 सदस्यों में से 5 से पॉलिसी रेट को मौजूदा स्तर को बनाए रखने का समर्थन किया है। इसके अलावा आज मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी को भी पहले की तरह 4.25 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखने का फैसला किया गया है।

English summary

RBI now people can invest up to Rs 5 lakh in IPO and gilt funds through UPI

Retail investors will now be able to make payments up to Rs 5 lakh for IPO of a company and investment in government bonds under the RBI's Direct Retail Scheme through UPI (Unified Payments Interface).
Story first published: Wednesday, December 8, 2021, 12:53 [IST]
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X