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बढ़ती महंगाई पर हुई RBI MPC की बैठक, सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट

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RBI MPC Meeting : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज 3 नवंबर को कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की एक अलग बैठक हुई। ये बैठक आरबीआई की तरफ से सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट पर चर्चा और मसौदा तैयार करने के लिए आयोजित की गई। ये रिपोर्ट महंगाई को काबू करने की असफलता पर होगी। आरबीआई ने कहा है कि यह बैठक आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45जेडएन और आरबीआई एमपीसी के विनियमन 7 और मौद्रिक नीति प्रक्रिया विनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत आयोजित की गई।

महंगाई पर हुई RBI MPC की बैठक, सौंपेगी रिपोर्ट

कौन-कौन हुआ शामिल
बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। इस बैठक में एमपीसी के सभी सदस्य शामिल हुए। इनमें माइकल देवव्रत पात्रा, राजीव रंजन, शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा शामिल हैं। आरबीआई पिछली लगातार तीन तिमाहियों से मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत से कम रखने में विफल रहा है। ऐसे में सरकार को आरबीआई की तरफ से एक औपचारिक प्रतिक्रिया चाहिए, जिसमें इसके कारण की व्याख्या हो।

क्या है आरबीआई अधिनियम की धारा 45जेडएन
आरबीआई अधिनियम की धारा 45जेडएन के अनुसार मुद्रास्फीति लक्ष्य को हासिल करने में विफल होने के बाद आरबीआई को केंद्र को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसके अलावा, इसके विनियम 7 के अनुसार, एमपीसी के सचिव को नॉर्मल पॉलिसी प्रोसेस के तहत एक अलग बैठक का समय निर्धारित करना होगा (अधिनियम की धारा 45 जेडएन प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट पर चर्चा और मसौदा तैयार करने के लिए)।

महंगाई पर हुई RBI MPC की बैठक, सौंपेगी रिपोर्ट

इतने समय में रिपोर्ट पेश करना जरूरी
रिपोर्ट केंद्र सरकार को उस तारीख से एक महीने के भीतर भेजी जाएगी जिस दिन यह मुद्रास्फीति लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहा है। 12 अक्टूबर को सितंबर के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए गए थे। उनके अनुसार भारतीय केंद्रीय बैंक पहली बार इस टार्गेट को पूरा करने में विफल रहा। कानून के अनुसार, आरबीआई को अब केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपनी होगी जिसमें बताया जाएगा कि वह मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में विफल क्यों रहा। साथ ही इसे उन कदमों का जिक्र भी करना होगा, जिनसे वे मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में लाएगा।

मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.41 प्रतिशत
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.41 प्रतिशत हो गई। इससे यह हो गयी कि औसत मुद्रास्फीति लगातार तीन तिमाहियों के लिए 2-6 प्रतिशत की रेंज से बाहर रही। मुद्रास्फीति लगातार तीन तिमाहियों के लिए एमपीसी के 2-6 प्रतिशत लक्ष्य बैंड से लगातार ऊपर रही है। एमपीसी को मुद्रास्फीति को 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में सीमित रखने का काम सौंपा गया है।

महंगाई पर हुई RBI MPC की बैठक, सौंपेगी रिपोर्ट

आरबीआई की क्या है उम्मीद
आरबीआई को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2022-23 में मुद्रास्फीति औसत 6.7 प्रतिशत होगी। इसके बाद, उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में मुद्रास्फीति घटकर 5 प्रतिशत रह जाएगी, जो इसके लक्ष्य के दायरे में होगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई को 4 फीसदी तक कम करने के लिए दो साल की समयसीमा दी थी। एमपीसी की अनिर्धारित बैठक 2 नवंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) के नीतिगत फैसले के एक दिन बाद हुई। आरबीआई की तरह फेड भी मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने की कोशिश कर रहा है।

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English summary

RBI MPC meeting on rising inflation will submit report to the government

The Reserve Bank of India (RBI) said today on November 3 that a separate meeting of the Monetary Policy Committee (MPC) was held. This meeting was organized to discuss and draft the report to be sent by the RBI to the government.
Story first published: Thursday, November 3, 2022, 20:12 [IST]
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