आरबीआई ने दिवाली में 1700 करोड़ नए नोटों को बाजार में उतारे
त्योहारों को देखते हुए लोगों की दिवाली को खास बनाने के लिए और कैश की किल्लत को खत्म करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने बाजार में 1700 करोड़ रुपए के नए नोट बजार में उतारे हैं। आपको बता दें कि सबसे ज्यादा मांग 10, 20 और 50 के नोटों की है। 100 और 500 के नोटों की की खेप सबसे ज्यादा उतारी गई है। फिलहाल, बैंकों ने नई करेंसी का एक बड़ा हिस्सा अपने खास ग्राहकों को बांट दिया है।
आपको बता दें कि दिवाली पर पूजन के लिए रिजर्व बैंक ने नई करेंसी जारी की है। लगभग 1700 करोड़ की करेंसी में आधा हिस्सा पांच सौ के नोटों का है। चौथाई भाग सौ के नोटों का है। शेष में पचास, बीस और दस के नोट हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस बार बड़े नोटों के उलट छोटे नोटों की मांग ज्यादा है।
लक्ष्मी पूजन के लिए इस बार बैंकों में 20 रुपए के नोट की डिमांड ज्यादा है। कारण इसका नया होना है। 2018 की दिवाली की बात करें तो पूजन में रखने के लिए 10 रुपए के नए नोट की डिमांड ज्यादा थी। आम लोगों को नई करेंसी के दर्शन कम ही नसीब हुए। ज्यादातर बैंकों ने बड़े ग्राहकों के बीच नए नोटों की गडि्डयां पहुंचाईं। तो वहीं एटीएम से भी नए नोट बेहद कम निकले।
इसके अलावा बाजार में दिसंबर तक वार्निश वाला नोट आ जाएगा। आरबीआई सबसे पहले सौ का नोट जारी करेगा। यह मौजूदा नोट के मुकाबले दोगुना टिकाऊ होगा। अभी सौ रुपये का नोट औसतन लगभग तीन से चार साल चलता है लेकिन वार्निश चढ़े नोट की उम्र करीब दोगुना हो जाएगी यानी लगभग सात-आठ साल तक टिका रहेगा। उन्हें पहले ट्रायल के आधार पर जारी किया जाएगा। नए नोट को ज्यादा संभालकर रखने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि नया नोट ना तो जल्दी कटेगा न फटेगा, और ना ही पानी में जल्दी गलेगा क्योंकि इस पर वार्निश पेंट चढ़ाई है।
तो वहीं इस बार भी दिवाली में बेहद सीमित मात्रा में एक रुपए के नोट जारी किए गए। ये नोट परंपरा निभाने के लिए शगुन के तौर पर छापे गए हैं। ये जानना भी बड़ा दिलचस्प है कि केवल एक रुपए का नोट ही एकमात्र ऐसी मुद्रा है, जिस पर आरबीआई का अधिकार नहीं होता है। ये नोट सीधा सरकार के नियंत्रण में होता है इसीलिए इस पर आरबीआई गवर्नर की जगह वित्त सचिव के सिग्नेचर होते हैं। दो साल पहले ही एक रुपए का नोट सौ साल का हुआ था।