बड़ी खबर : RBI ने नहीं घटाया रेपो रेट, जानिए आप पर असर
नई दिल्ली, 04 जून। कोरोना महामारी से जूझ रही देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए रिजर्व बैंक (आरबीाई) ने आज मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार को इन फैसलों की जानकारी दी। इसमें सबसे जरूरी फैसला रेपो और रिवर्स रेपो रेट में बदलव न करने का है। इस प्रकार रेपो रेट बिना किसी बदलाव के 4 प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत रहेगा। वहीं एमएसएफ रेट और बैंक रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 4.25 प्रतिशत रहेगा। ऐसे में माना जा सकता है कि बैंक अपनी लोन की ब्याज दरें अब जल्द शायद और न घटाएं।
ग्रोथ का अनुमान घटाकर 9.5% किया
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 9.5% कर दिया है। इससे पहले आरबीआई ने 10.5% ग्रोथ का अनुमान जताया था। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में खुदरा महंगाई दर 5.1% रहने का अनुमान जताया है।
मौद्रिक नीति के प्रमुख फैसले
-1 अगस्त से नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) रोज उपलब्ध रखेगा।
-वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में बाजार को मजबूती देने के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये मूल्य का जी-सैप लाया जाएगा।
-इंडस्ट्री में 36,545 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी डाली है।
-आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई का ध्यान लिक्विडिटी का समान रूप से वितरण करना है।
-वित्त वर्ष 2021-22 में 9.5 फीसद की वास्तविक विकास दर का अनुमान है।
-वित्त वर्ष 2021-22 में महंगाई दर 5.1 फीसद पर रहने की संभावना है।
-अप्रैल में खुदरा महंगाई दर के 4.3 फीसद पर रहने से राहत मिली है।
मोदी सरकार में रेपो रेट की हिस्ट्री
काफी रोचक है। पूरे मोदी सरकार के कार्यकाल में यह दर कभी उतना नहीं रही जितनी दर ठीक मोदी सरकार के शपथ के ठीक पहले थी। जब मोदी सरकार ने कार्यकाल संभाला तो रेपो रेट की दर 8 फीसदी थी, जो फिर कभी उतनी नहीं हुई है।
ये है रेपो रेट का सफर
-7 अप्रैल 21 को 4 फीसदी
-5 फरवरी 21 को 4.00 फीसदी
-4 दिसंबर 20 को 4.00 फीसदी
-9 अक्टूबर 20 को 4.00 फीसदी
-6 अगस्त 20 को 4.00 फीसदी
-22 मई 2020 को 4.00 फीसदी
-27 मार्च 2020 को 4.40 फीसदी
-4 अक्टूबर 2019 को 5.15 फीसदी
-7 अगस्त 2019 को 5.40 फीसदी
-6 जून 19 को 5.75 फीसदी
-04 अप्रैल 19 को 6.00 फीसदी
-07 फरवरी 19 को 6.25 फीसदी
-05 दिसंबर 18 को 6.50 फीसदी
-05 अक्टूबर 18 को 6.50 फीसदी
-01 अगस्त 18 को 6.50 फीसदी
-06 जून 18 को 6.25 फीसदी
-05 अप्रैल 18 को 6.00 फीसदी
-07 फरवरी 18 को 6.00 फीसदी
-06 दिसंबर 17 को 6.00 फीसदी
-04 अक्टूबर 17 को 6.00 फीसदी
-02 अगस्त 17 को 6.00 फीसदी
-08 जून 17 को 6.25 फीसदी
-06 अप्रैल 17 को 6.25 फीसदी
-08 फरवरी 17 को 6.25 फीसदी
-07 दिसंबर 16 को 6.25 फीसदी
-04 अक्टूबर 16 को 6.25 फीसदी
-05 अप्रैल 16 को 6.50 फीसदी
-29 सितंबर 15 को 6.75 फीसदी
-02 जनवरी 15 को 7.25 फीसदी
-04 मार्च 15 को 7.50 फीसदी
-15 जनवरी 15 को 7.75 फीसदी
-28 जनवरी 14 को 8.00 फीसदी