RBI : Loan वसूली एजेंटों ने अगर की सख्ती, तो होगी कड़ी कार्रवाई
नई दिल्ली, अगस्त 13। बहुत बार लोगो को मजबूरी ले लोन लेना पड़ता है लेकिन कई बार ऐसी परिस्थिति बनती है कि लोन की किस्त अदा नहीं कर पाते है। इससे लोन वसूली एजेंट कई बार गलियां और लड़ाई-झगड़े में उतर आते है मगर अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। उन पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने नकेल कसने के लिए कानून को सख्त कर दिया है। आरबीआई की तरफ से साफ कहा गया है कि उसके रेगुलेटरी दायरे में आने वाली सभी एंटिटीज को यह सुनिश्चित करना होगा लोन एजेंट लोनदारो को परेशान नही कर सकते है।
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डराना धमकाना गलत
अपनी वेबसाइट पर आरबीआई ने एक नोटिफिकेशन जारी करके कहा कि वह रिकवरी एजेंट्स जैसा व्यवहार करते है। उनको देख आरबीआई बहुत चिंतित है। रेगुलेटर एंटिटीज को यह सुनिश्चित करना होगा। उनके एजेंट्स या उनके द्वारा किसी भी तरह के डराने और धमकाने कोशिश न करे। केंद्रीय ने आगे कहा कि नॉन-बैंक, बैंक और दूसरी रेगुलेटेड एंटिटीज को यह सुनिश्चित करना होगा। उनको मोबाइल और सोशल मीडिया और न कॉल करके किसी भी तरह से धमकाने की कोशिश ना करें।
फोन बार–बार करना गलत
केंद्रीय बैंक की तरफ से कहा गया है कि बैंक लोन मांगने के लिए फोन कर सकता है मगर रेगुलेटेड एंटिटी के अंदर रहकर फोन किया जाना चाहिए। लोन के लिए रिकवरी एजेंट सुबह 8 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक ही फोन करना चाहिए। नियम का उल्लंघन करने पर इसे गंभीरता से लिया जाएगा। आरबीआई के पास गाइडलाइन मौजूद है। इसके मुताबिक लोन एजेंट का बाहुबल का इस्तेमाल करने की धमकी देना उत्पीड़न के दायरे में आता है यदि कोई रिकवरी एजेंट आपको परेशान कर रहा है तो आप तुरंत इसकी शिकायत रिजर्व बैंक के पास कर सकते है।
आरबीआई से भी शिकायत की जा सकती है
आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार, लोन रिकवरी एजेंट लोन की वसूली के लिए उत्पीड़न या फिर धमकी का सहारा नहीं ले सकता है। कर्ज लेने वाले को बार बार कॉल करके धमकी देना भी परेशान करने की श्रेणी में आता है साथ ही यदि कोई लोन एजेंट व्यक्ति के काम करने या फिर घर पर बिना बताए जाकर दोस्तों और रिश्तेदारों को धमकाना भी उत्पीड़न है। यदि लोन रिकवरी एजेंट परेशान करे तो आप इसकी शिकायत सबसे पहले बैंक से करके लोन रिपेमेंट की शर्तों में बदलाव का अनुरोध कर सकते हैं। अगर बैंक शिकायत का निपटारा 30 दिनों के भीतर नहीं करता है तो बैंकिंग ओंबड्समैन से शिकायत कर सकते हैं साथ ही बैंकिंग रेगुलेटर आरबीआई को भी शिकायत की जा सकती है।