RBI का डंडा : Loan मोरटोरियम खत्म, अब तुरंत चुकाइये कर्ज
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने मौद्रिक पॉलिसी के ऐलान में यह साफ कर दिया है कि लोन मोरटोरियम की सुविधा खत्म की जा रही है। लेकिन लोन रीपेमेंट में अगर दिक्कत आ रही है तो कंपनियां और लोग अपने लोन को रीस्ट्रक्चर करा सकते हैं। ऐसा करने से उनको फिलहाल लोन चुकाने में राहत मिल सकती है। हालांकि रीस्ट्रक्चर्ड होने के बाद ऐसे सभी लोन स्टैंडर्ड लोन माने जाएंगे। लोन रीस्ट्रक्चर के बाद आमतौर पर किस्ता का बोझ कम जो जाता है, लेकिन इनको ज्यादा समय तक चुकाना पड़ता है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि यह फैसला किया है कि 7 जून के प्रूडेंशियल फ्रेमवर्क के तहत बैंकों को एक विंडो मुहैया कराया जाएगा, जिस दौरान बैंक एक बार कंपनियों का कॉरपोरेट लोन रीस्ट्रक्चर कर सकते हैं।
पर्सनल लोन किए जा सकते हैं रीस्ट्रक्चर
आरबीआई ने बैंकों को वनटाइम पर्सनल लोन भी रीस्ट्रक्चर करने की मंजूरी भी दी है। पर्सनल लोन में कंज्यूमर क्रेडिट लोन, एजुकेशन लोन, होम लोन जैसी अचल संपत्तियों पर दिए गए लोन और शेयर, डिबेंचर पर दिए गए लोन को भी रीस्ट्रक्चर किया जा सकता है।
कौन ले सकता है लोन रीस्ट्रक्चरिंग का फायदा
आरबीआई के कोनोना महामारी से जुड़े रेज्योलूशन फ्रेमवर्क के मुताबिक, सिर्फ वही पर्सनल लोन रीस्ट्रक्चर्ड किए जाएंगे जो 1 मार्च 2020 तक अपना लोन रेगुलर चुका रहे थे। अगर आप भी ऐसे लोन लेने वाले हैं, तो 31 दिसंबर 2020 से पहले रेज्योलूशन प्लान को बैंक से स्वीकृत कराना होगा। इसके बाद ये रीस्ट्रक्चर्ड लोन तब तक स्टैंडर्ड लोन माने जाएंगे जब तक लोन लेने वाला नए पेमेंट सिस्टम में पेमेंट करता रहता है।
पेमेंट रीशिड्यूल किया जा सकता है
रीस्ट्रक्चर प्लान के तहत बैंक पेमेंट को रीशिड्यूल कर सकते हैं। ब्याज दर को दूसरे क्रेडिट फैसिलिटी में बदल सकता है। इसके साथ ही 2 साल का मोरटोरियम भी दिया जा सकता है। यानी ऐसे लोन अगले 2 साल तक पेमेंट न करने पर भी डिफॉल्टर नहीं माने जाएंगे। हालांकि जानकारों का कहना है कि इसमें बैंकों के लिए सबसे मुश्किल यह चुनना होगा कि रेज्योलूशन प्लान किसका पास किया जाए और किसका नहीं।