RBI ने नहीं घटाई रेपो रेट, और सस्ता नहीं होगा कर्ज
नयी दिल्ली। आरबीआई ने गुरुवार को रेपो रेट में और कटौती न करने का ऐलान किया है। रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार रहेगी। बता दें कि बाजार जानकार पहले ही रेपो रेट में और अधिक कटौती न किए जाने का अनुमान लगा रहे थे। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक आर्थिक गतिविधियां नाजुक बनी हुई हैं। लेकिन वैश्विक वित्तीय बाजारों में उछाल आया है। तीन दिन चली आरबीआई की हर दो महीने में एक बार होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला किया गया है। रेपो रेट के साथ ही रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। रिवर्स रेपो रेट 3.3 फीसदी पर ही बरकरार रहेगी। आरबीआई गवर्नर ने और भी कई अहम घोषणाएँ की हैं।
आरबीआई गवर्नर के बड़ी बातें :
- कोरोनोवायरस के बाद से घरेलू खाद्य महंगाई दर लगातार बढ़ रही है। अच्छे मानसून और खरीफ बुवाई क्षेत्र में वृद्धि के साथ कृषि क्षेत्र की संभावनाओं में सुधार हुआ है।
- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि माल का निर्यात लगातार चौथे महीने कम हुआ है, लेकिन इसके घटने की गति में कमी आई है।
- रियल जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रहेगी। हालांकि कोरोना को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर किसी सकारात्मक खबर से स्थिति में बदलाव आएगा
- सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए साल की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि में गिरावट रहने का अनुमान है। 2020-21 के लिए भी रियल जीडीपी ग्रोथ नकारात्मक रहने का अनुमान है।
- निकट भविष्य में आरबीआई द्वारा एक नवाचार (Innovation) केंद्र स्थापित किया जाएगा। डिजिटल भुगतान के लिए ऑनलाइन विवाद सिस्टम पेश किया जाएगा।
- बैंकों के लिए एक प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी।
- ज्वेलरी सेक्टर को लोन के 90% तक लोन दिया जाएगा।
क्या होती है रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं। रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे, जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह।
ये है रिवर्स रेपो रेट का मतलब
जैसा इसके नाम से ही साफ है, यह रेपो रेट से उलट होता है। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है. बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दे।
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