RBI ने एक और Bank बंद किया, 5 लाख से ज्यादा जमा है, तो डूबेगा पैसा
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (आरबीआई) महाराष्ट्र के कराड स्थित कराड जनता सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस कैंसिल किया है। आरबीआई कहा कहना है कि इस बैंक में पर्याप्त पूंजी नहीं है, इसके अलावा बैंक में भविष्य में कमाई की संभावना भी नहीं है। इसके बाद अब बैंक किसी भी तरह की बैंकिंग गतिविधियां नहींं कर पाएगा। ऐसे में बैंक के ग्राहकों का पैसा डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) के तहत वापस मिलेगा। हालांकि आरबीआई का कहना है कि इस स्कीम के तहत करीब 99 फीसदी से अधिक ग्राहकों का पैसा वापस हो जाएगा। लेकिन बचे लोगों का काफी पैसा डूबेगा।
बैंक बंद करने की कार्रवाई शुरू
आरबीआई ने बताया है कि इस बैंक का लाइसेंस रद्द करने और लिक्विडेशन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके बाद कराड जनता सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं को उनका जमा पैसा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। लिक्विडेशन के बाद डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) के तहत उन सभी जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक वापस किए जाएंगे। लेकिन जिनके 5 लाख रुपये से ज्यादा जमा हैं, उनको नुकसान सहना पड़ेगा। ध्यान रहे कि देश की बैंकों में जमा केवल 5 लाख रुपये तक ही सुरक्षित होता है। अगर इससे ज्यादा पैसा जमा है तो उसकी सुरक्षा की गारंटी नहीं होती है। यहां पर 5 लाख रुपये से मतलब है कि मूलधन और ब्याज मिलाकर।
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Bank में जमा है पैसा, जो जान लें वह कितना है सुरक्षित
लिक्विडेटर नियुक्त करने को कहा
आरबीआई ने बताया है कि इस बैंक का लाइसेंस रद्द हो जाने के बाद अब कराड जनता सहकारी बैंक 7 दिसंबर 2020 के बाद से कोई कारोबार नहीं कर पाएगा। इस हिसाब से अब कराड जनता सहकारी बैंक ग्राहकों में ग्राहक न तो पैसा जमा कर पाएंगे और न ही निकाल पाएंगे। महाराष्ट्र के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसायटीज से कहा गया है कि वह इस बैंक को बंद करने के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
जानिए आरबीआई ने क्या कहा
आरबीआई के अनुसार कराड जनता सहकारी बैंक में पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं बची है। ऐसे में यह बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के संबंधित प्रावधानों को पूरा नहीं कर पा रहा है। इसके बाद भी बैंक को जारी रखना इसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है। आरबीआई के अनुसार ये बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति में अपने जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में सक्षम नहीं रह गया है।