For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

2022 में RBI ने 12 बैंकों पर जड़ा ताला, 2023 में क्या होगा जानिए

|
2022 में RBI ने 12 बैंकों पर जड़ा ताला, 2023 में क्या होगा

RBI Cancels Co-Operative Banks Licences : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2022 में 12 संकट में चल रहे सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए। साथ ही नियमों के अनुसार काम न करने वाले बैंकों पर लगभग 110 गुना जुर्माना लगाया गया। आरबीआई ने इस साल जिन बैंकों के परमिट रद्द किए हैं, उनमें इंडिपेंडेंस कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मंथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुधोल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और मिल्लथ कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड शामिल हैं।

 

Mutual Fund : 2023 में शुरू करनी है SIP, तो ये हैं 5 स्टार रेटिंग वाले बेस्ट ऑप्शनMutual Fund : 2023 में शुरू करनी है SIP, तो ये हैं 5 स्टार रेटिंग वाले बेस्ट ऑप्शन

पिछला ट्रेंड जारी रहा 2022 में भी

पिछला ट्रेंड जारी रहा 2022 में भी

आरबीआई का सहकारी बैंकों (को-ऑपरेटिव बैंकों) पर जो सख्त ट्रेंड पिछले वर्षों में देखा गया वो 2022 में भी जारी रहा। आरबीआई पिछले कुछ वर्षों में दिक्कतों का सामना कर रहे या उन सहकारी बैंकों पर नकेल कसता रहा है, जिनमें कुछ फाइनेंशियल गड़बड़ पाई गयी। देखा जाए तो सहकारी बैंकों ने गांवों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मगर ये बैंक दोहरे विनियमन (डुअल रेगुलेशन), कमजोर फाइनेंस और स्थानीय राजनेताओं के हस्तक्षेप सहित कई मुद्दों का सामना कर रहे हैं।

शहरी सहकारी बैंक की हालत खराब
हाल के वर्षों में इन बैंकों में, शहरी सहकारी बैंक (यूसीबी), जो ग्रामीण सहकारी बैंकों की तुलना में संख्या में कम हैं, मगर बड़े स्केल पर हैं, के अपने कारोबार में तेज गिरावट देखी गयी है। आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि शहरी सहकारी बैंकों की ग्रॉस एनपीए (जीएनपीए) 2020 में 32,300 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021 में 36,500 करोड़ रुपये हो गई।

डिपॉजिट में ग्रोथ नहीं हुई
 

डिपॉजिट में ग्रोथ नहीं हुई

डिपॉजिट में वृद्धि की बात करें (जो 2020 में शहरी सहकारी बैंकों के बिजनेस का 80.3 प्रतिशत थी) तो यह 2021 में सपाट रही। वहीं, इसी अवधि में इन बैंकों की लायबिलिटीज (देनदारियां) और प्रोविजन 11.3 प्रतिशत से बढ़कर 11.5 प्रतिशत हो गए। लोन और एडवांस में सहकारी बैंकों का कारोबार 2020 में 48.9 प्रतिशत से गिरकर 2021 में 47.5 प्रतिशत रह गया।

नियमों में बदलाव

नियमों में बदलाव

आरबीआई ने 19 जुलाई, 2022 को यूसीबी के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में बदलाव किया। टीयर -1 बैंकों के लिए न्यूनतम नेटवर्थ 2 करोड़ रुपये और अन्य सभी बैंकों के लिए 5 करोड़ रुपये निर्धारित की गयी। आरबीआई ने कहा कि यूसीबी, जिनके पास इस समय न्यूनतम नेटवर्थ नहीं है, उन्हें चरणबद्ध तरीके से न्यूनतम नेटवर्थ 2 करोड़ या 5 करोड़ रुपये करनी होगी और 31 मार्च 2026 को या उससे पहले लागू न्यूनतम नेटवर्थ का कम से कम 50 प्रतिशत पूरा करना होगा और 31 मार्च 2028 को या उससे पहले पूरी न्यूनतम नेटवर्थ दिखानी होगी।

Bank Locker rules:1 जनवरी से बदलेंगे बैंक लॉकर्स के नियम, जरूर जान लें| RBI Guidelines| Good Returns
2023 कैसा रहेगा

2023 कैसा रहेगा

जानकारों का कहना है कि 2022 में सहकारी बैंकों के लिए कड़ी नियामक कार्रवाई और दूसरे फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस से मुकाबले के बीच सहकारी बैंकों के लिए अपने फंडामेंटल्स में कुछ बदलावों के साथ ग्रोथ हासिल करने की गुंजाइश है। इस बात उदाहरण दिख रहे हैं कि सहकारी बैंक बेहतर कॉर्पोरेट गवर्नेंस और वर्क प्रोसेस के साथ कैसे काम कर रहे हैं। सहकारी बैंक ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण क्षेत्रों के डेवलपमेंट और इकोनॉमिक प्रोग्रेस में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। यानी कहा जा सकता है कि आने वाला समय सहकारी बैंकों के लिए सकारात्मक हो सकता है।

English summary

RBI cancels 12 cooperative banks licences in 2022 know what will happen in 2023

The Reserve Bank of India (RBI) canceled the licenses of 12 crisis-run cooperative banks in 2022.
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X