मोदी सरकार की लगी लाटरी, RBI से मिला 99 हजार करोड़ रुपये
नई दिल्ली, मई 21। लगातार पैसों की तंगी से जूझ रही मोदी सरकार को रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बड़ी सौगात दी है। आरबीआई के बार्ड ने तय किया है कि वह अपना सरप्लस 99,122 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार को ट्रांसफर करेगा। यहां पर याद रखने की बात है कि आरबीआई ने पिछले दिनों ही तय किया था कि वह अपना वित्तीय वर्ष अब 1 अप्रैल से 31 मार्च कर रहा है। इससे पहले यह 31 जुलाई को अपना वित्तीय वर्ष समाप्त मानता था। ऐसा होने से आरबीआई ने इस बार अपने 9 माह के कार्यकाल का सरप्लस केन्द्र सरकार को देने का फैसला किया है। हालांकि इसके बाद भी आरबीआई के पास आकस्मिक जोखिम बफर के रूप में 5.50 प्रतिशत हिस्सा बना रहेगा।
वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग से हुई आरबीआई बोर्ड की बैठक
केंद्र की मोदी सरकार को सरप्लस ट्रांसफर का फैसला आज आरबीआई बोर्ड के केंद्रीय निदेशक मंडल की वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई बैठक के बाद लिया गया। आरबीआई की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार बोर्ड ने अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप को कम करने के लिए वर्तमान आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों और हाल के नीतिगत उपायों की भी समीक्षा भी की है। बैठक के दौरान गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में बोर्ड ने संक्रमण अवधि के लिए रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और खातों को मंजूरी दी। बयान के मुताबिक, बोर्ड ने 31 मार्च 2021 को समाप्त नौ महीने (जुलाई 2020-मार्च 2021) की लेखा अवधि के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी, जबकि आकस्मिक जोखिम बफर को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया।
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ये लोग शामिल हुए बैठक में
आज हुई आरबीआई बोर्ड की बैठक में डिप्टी गवर्नर महेश कुमार जैन, माइकल देवव्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव और टी रवि शंकर शामिल हुए। केंद्रीय बोर्ड के अन्य निदेशक एन चंद्रशेखरन, सतीश के मराठे, एस गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर और सचिन चतुर्वेदी भी बैठक में शामिल हुए। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देवाशीष पांडा और आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने भी बैठक में भाग लिया।