Rakesh Jhunjhunwala : ये हैं उनके प्रिय 6 शेयर, जानिए कौन से
नई दिल्ली, अगस्त 16। दलाल स्ट्रीट में निवेश करने वाले भारत के तमाम लोगों ने राकेश झुनझुनवाला की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। कई लोग उन्हें अपना आदर्श मानते थे। कई लोगों ने उनके विचारो से प्रेरित होकर शेयर बाजार में निवेश करना शुरु किया था। अपने जीवन के अंतिम दशक में, उन्होंने कम से कम छह शेयरों पर ज्यादा फोकस किया इन शेयरो से झुझुनवाला क 1,000 प्रतिशत तक का रिटर्न मिला। इन छह इक्विटी के आंकड़ों से पता चलता है कि इन छह में से दो ने काफी निगेटिव रिटर्न दिया। झुनझुनवाला को इन दोनों में आधे से अधिक पैसे गवाने पड़े।
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फेरबदल रहा सफलता का मंत्र
दिलचस्प बात यह है कि राकेश झुंझवाला समय-समय पर इन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी में फेरबदल करते रहे। लेकिन बीएसई पर इन कंपनियों के शेयरधारिता पैटर्न के अनुसार, तिमाही आधार पर उनमें से किसी एक में उनकी हिस्सेदारी एक प्रतिशत से कम नहीं हुआ।
टाइटन
झुनझुनवाला ने टाइटन कंपनी से भारी संपत्ति अर्जित की। हालांकि, कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 30 जून, 2012 को 7.28 प्रतिशत से घटकर 30 जून, 2022 तक 5.1 प्रतिशत हो गई थी। टाइटन के शेयर ने झुनझुनवाला को कई गुना रिटर्न दिया। टाइटन के एक शेयर का दाम 12 अगस्त 2022 को 2,491.95 रुपये था बात अगर 29 जून 2012 को 222.3 रुपये थे।
क्रिसिल
क्रिसिल झुनझुनवाला का एक और दीर्घकालिक दांव था। पिछले एक दशक में कंपनी के शेयर के दाम 205 प्रतिशत बढ़े हैं। 29 जून, 2022 को इसके शेयर का दाम 1,070.55 रुपये था जो अब 3,261.6 रुपये हो गया है। इस कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 2023 के फर्स्ट क्वार्टर 2012 के पहले तिमाही के मुकाबले उनकी हिस्सेदारी में कमी आई है। 2012 में वह 7.84 प्रतिशत हिस्सा रखते थे जो अब घटकर 5.48 प्रतिशत हो गई है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज
अपने पोर्टफोलियो में राकेश ने जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज को लंबे समय से रखा था। कंपनी का शेयर जून 2012 तिमाही के अंत में 19.6 रुपये से आज 140 प्रतिशत बढ़कर 47.05 रुपये हो गया है। कंपनी में उनकी हिस्सेदारी जून 2022 की तिमाही तक बढ़कर 7.54 फीसदी हो गई, जो 10 साल पहले 7.88 फीसदी थी।
एग्रो टेक फूड्स
उनके पोर्टफोलियो की एक और पसंद एग्रो टेक फूड्स ने पिछले एक दशक के दौरान 72 फीसदी की छलांग लगाई है। हालांकि, कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 30 जून, 2022 को समाप्त तिमाही में बढ़कर 8.2 प्रतिशत हो गई, जो 30 जून 2012 में 2.99 प्रतिशत थी।
दो कंपनियों में हुआ घाटा
पिछले एक दशक में अपनी आधी से ज्यादा संपत्ति का सफाया करने वाली कंपनियों में ऑटोलाइन इंडस्ट्रीज और बिलकेयर शामिल हैं, जिनके शेयरो के दाम क्रमश: 53 फीसदी और 58 फीसदी घटी हैं। समीक्षाधीन अवधि के दौरान ऑटोलाइन इंडस्ट्रीज में उनकी हिस्सेदारी 4.26 प्रतिशत से मामूली रूप से बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो गई, जबकि बिलकेयर में उनकी हिस्सेदारी 7.37 प्रतिशत से बढ़कर 8.5 प्रतिशत हो गई।