कमाल है खरगोश का बिजनेस, कमाई 12 लाख रु
नयी दिल्ली। बहुत से जानवर ऐसे हैं जिन्हें लोग अपने शौक के लिए पालते हैं। इनमें खरगोश भी शामिल है। पर इन पालतू जानवरों का कारोबार भी होता है। इसमें थोड़ी-बहुत नहीं बल्कि मोटी कमाई है। खरगोश के कारोबार (खरगोश पालन) से आप भी लाखों रु कमा सकते हैं। खरगोश पालन एक ऐसा कारोबार है, जिसने राजस्थान के एक व्यक्ति किस्मत चमका दी। अलवर के रहने वाले इस शख्स की सालाना कमाई अब 12 लाख रु है। यानी ये व्यक्ति हर महीने 1 लाख रु कमाता है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।
रिटायर फौजी है ये कारोबारी
खरगोश का कारोबार करने वाले नवल किशोर कोई आम व्यक्ति नहीं बल्कि रिटायर्ड फौजी हैं। वन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार किशोर की 4 चार साल पहले पोस्टिंग उनके अपने जिले अलवर में ही थी, मगर एक बार मध्य प्रदेश के एक गांव में उनका जाना हुआ। वहीं एक किसान से उन्होंने खरगोश पालन की जानकारी ली। उन्हें ये काम दिलचस्प लगा और उन्होंने इसी को अपना कारोबार बनाने का फैसला लिया, जिसने आगे चल कर उन्हें लाखों की कमाई करानी शुरू कर दी।
राजस्थान में सबसे पहले किया ये कारनामा
अहम बात है ये है कि किशोर से पहले पूरे राजस्थान में खरगोश का व्यापार किसी ने नहीं किया था। किशोर के अनुसार उन्होंने खरगोश पालन (Rabbit Farming) की जानकारी यूट्यूब से ली। बाद में उन्हें हरियाणा की एक कंपनी के बारे में पता चला, जो इसी व्यवसाय में लगी है। ये कंपनी रैबिट फार्म से लेकर मार्केटिंग तक में आपकी मदद करेगी। इसी कंपनी के सपोर्ट से किशोर ने 2016 में एक रैबिट फार्मिंग की यूनिट स्थापित की। वे दावा करते हैं कि ये पहला रैबिट फार्म है जो राजस्थान में लगा। मगर अब तो सिर्फ अलवर में ही ऐसे 45 फार्म लग चुके हैं।
कितना होता है निवेश
कारोबार कोई भी हो मुनाफे से पहले आपको निवेश करना होता है। खरगोश पालन के कारोबार में भी निवेश की जरूरत है। खरगोशों को पिंजरों में रखा जाता है। इन खास पिंजरों की एक यूनिट में 10 खरगोश होते हैं। किशोर ने 100 खरगोशों के साथ ये कारोबार शुरू किया था। उन्हें शुरुआत में 3.20 लाख रु खर्च करने पड़े थे, जिसका लाभ अब उन्हें मिल रहा है। उनकी इनकम काफी अच्छी है।
कैसे बिकते हैं खरगोश
किशोर के मुताबिक एक साल में 4 बार खरगोश के बच्चों को कंपनी को बेचा जाता है। एक बार में 600-700 बच्चों की बिक्री होती है। यानी एक साल में लगभग 3000 खरगोश के बच्चे बिकते हैं। कमाई की बात करें तो सभी खर्चे हटाने के बाद एक बार के बच्चों की बिक्री पर किशोर को 2 लाख रुपए मिलते हैं। इस आधार पर उनकी सालाना कमाई 8-10 लाख रु होती है। वे लोकल में भी खरगोश बेचते हैं। इससे भी उनकी अच्छी कमाई होती है। इतना ही नहीं खरगोश से खाद भी मिलती है। ये खाद भी कमाई का जरिया है।
मेहनत कम मुनाफा ज्यादा
खरगोश पालन में मेहनत काफी कम है। पिंजरों की साफ-सफाई और खाना खिलाने के लिए किशोर ने सहायक को काम दे रखा है। किशोर के काम में उनकी पत्नी भी मदद कर देती हैं। वहीं किशोर हरा चारा और गाजर अपने खेत में उगाते हैं। न्यूट्रिशन के लिए कुछ खाने के उत्पाद उन्हें बाजार से खरीदने पड़ते हैं।
दूध का कारोबार : सालाना मुनाफा 1 करोड़ रु से ज्यादा, जानिए कहां और कैसे