बेची जायेगी दुश्मनों की संपत्ति, सरकार को मिलेंगे 1 लाख करोड़ रु
नयी दिल्ली। सरकार देश में मौजूद शत्रु संपत्ति बेच कर 1 लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। इसके लिए देश में 9400 ऐसी संपत्तियों की पहचान की गयी है, जो बेची जायेंगी। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों का समूह (जीओएम) 9,400 से अधिक शत्रु संपत्तियों के निपटान की निगरानी करेगा। इसके अलावा दो और भी उच्च स्तरीय समितियों का गठन किया जायेगा, जिनकी अध्यक्षता कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला करेंगे। इन समितियों पर शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत भारत में शत्रु संपत्ति के निपटान की जिम्मेदारी होगी। सरकार के लिए यह 1 लाख करोड़ रुपये काफी महत्वपूर्ण होंगे। सरकार कई परियोजनाओं का ऐलान कर चुकी है, जिनके लिए फंडिंग की जरूरत है।
क्या होती है दुश्मन संपत्ति
दुश्मन संपत्ति शब्द सुनते ही दिमाग में किसी देशद्रोही की संपत्ति का ख्याल आ सकता है, मगर ऐसा नहीं है। बल्कि जिन लोगों ने चीन या पाकिस्तान की नागरिकता ले ली और वे अपने पीछे भारत में कुछ संपत्ति छोड़ गये उसी संपत्ति को शत्रु संपत्ति माना जाता है। ऐसे लोगों की संपत्ति बेचने के लिए जिन समितियों का गठन किया गया जायेगा उनमें गृह मंत्रालय, आर्थिक मामलों के विभाग, व्यय विभाग, सार्वजनिक उद्यमों के विभाग, कानूनी मामलों के विभाग, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सदस्य होंगे।
किस राज्य में कितनी शत्रु संपत्ति
भारत के बंटवारे, 1962 में चीन के साथ और 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के बाद गये लोगों की संपत्ति सरकार ने जब्त कर ली। इन संपत्तियों में जमीन, घर, खेत के अलावा बैंक बैलेंस, शेयर और प्रोविडेंट फंड भी शामिल है। देश में पाकिस्तान के नागरिकों की करीब 9280 और चीन के नागरिकों की 126 संपत्तियां हैं। पाकिस्तान के नागरिकों की 4991 संपत्तियां यूपी में हैं। वहीं 2735 बंगाल और 487 दिल्ली में हैं। चीन जा चुके लोगों की सबसे अधिक 57 संपत्तियां मेघालय में हैं। इसके अलावा 29 बंगाल और 7 असम में हैं।
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