मुसीबत : SBI का नये-पुराने दोनों ग्राहकों को झटका, सारे Loan पर बढ़ाई ब्याज दर
नई दिल्ली, सितंबर 15। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को झटका दे दिया है। यह झटका बैंक के नये और पुराने दोनों तरीके के ग्राहकों को लगेगा। असल में एसबीआई ने अपने सभी तरह के लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। जब से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मई 2022 में प्रमुख नीतिगत दरों (रेपो रेट) में वृद्धि करना शुरू किया है, कई बैंकों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) ने अपनी लोन ब्याज दरों में वृद्धि की है। इसी कड़ी में ताजा बढ़ोतरी एसबीआई ने की है। इसने ब्याज दरों (15 सितंबर, 2022 तक) में बढ़ोतरी की है।
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एसबीआई की एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड लेंडिंग रेट (ईबीएलआर)
एसबीआई ने भी सितंबर में होम लोन पर न्यूनतम ब्याज दर में तो संशोधन नहीं किया है। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार 15 अगस्त, 2022 से प्रभावी बैंक की ईबीएलआर 8.05%+सीआरपी+बीएसपी है। वहीं रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (आरएलएलआर) 7.65%+सीआरपी है। मगर इसने आज से बेंचमार्क दरों में बढ़ोतरी की है।
बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बुधवार को अपनी आधार दर और बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) में 70 आधार अंकों (बीपीएस) की बढ़ोतरी की है। इन दरों को बढ़ा कर क्रमश: 8.7% और 13.45% कर दिया गया है। बैंक की बढ़ी हुई दरें 15 सितंबर, 2022 से प्रभावी हैं। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार बीपीएलआर को 13.45% प्रति वर्ष कर दिया गया है। इन्हें आज 15 सितंबर से ही लागू कर दिया गाय है। आधार दर को 8.70% प्रति वर्ष तक बढ़ा दिया गया है और ये दर भी आज से लागू है।
क्या होती है आधार दर
आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आधार दर वह न्यूनतम ब्याज दर होती है जिस पर कोई बैंक अपने उन ग्राहकों को उधार दे सकता है जिनके लोन अभी भी आधार दर सिस्टम के तहत आते हैं। आधार दर बढ़ने से बैंक के मौजूदा होम लोन जैसे फ्लोटिंग रेट लोन वाले पुराने कर्जदारों के लिए भी ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिसके कारण वे या तो बढ़े हुए लोन की समान मासिक किस्तों (ईएमआई) का भुगतान करेंगे या उनके लोन की अवधि बढ़ा दी जाएगी।
बाकी लोन सिस्टम पर असर
आधार दर में वृद्धि केवल आधार दर तक सीमित रहने की संभावना नहीं है। क्योंकि बैंक की तरफ से एमसीएलआर और एक्सटर्नल बेंचमार्क जैसी अन्य बेंचमार्क दरों में भी बढ़ोतरी की जा सकती है। वे उधारकर्ता जिन्होंने जुलाई 2010 और मार्च 2016 के बीच फ्लोटिंग रेट होम लोन लिया और अब तक अपने लोन को एमसीएलआर या ईबीआर जैसे किसी नए नियम में ट्रांसफर नहीं किया है, इस दर वृद्धि से उनकी जेब पर जरूर असर पड़ेगा।
बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट
बेंचमार्क रेट के बारे में भी जानना जरूरी है। बता दें कि ये रेट लोन ब्याज दरों की कैल्कुलेशन के लिए उपयोग की जाने वाली स्टैंडर्ड रेट को दर्शाती है। आरबीआई के अनुसार, "बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) का मतलब आंतरिक बेंचमार्क दर है जिसका इस्तेमाल 30 जून, 2010 तक पास किए गए एडवांस/लोन पर ब्याज दरों को तय करने के लिए किया जाता है।