Budget 2021 : वित्त मंत्री ने बजट को पूरी तरह से पारदर्शी बताया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने इस साल के बजट के पीछे के मार्गदर्शक कारकों का जिक्र किया। उसने कहा कि सरकार ने खातों को अधिक पारदर्शी बनाया है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने इस साल के बजट के पीछे के मार्गदर्शक कारकों का जिक्र किया। उसने कहा कि सरकार ने खातों को अधिक पारदर्शी बनाया है। राजकोषीय घाटे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, इस बार हमारा राजकोषीय घाटा इस वजह से ज्यादा बढ़ गया क्योंकि हमने आम जनता को अधिक से अधिक मदद पहुंचाई। सरकार का ध्यान केवल खर्च करने पर रहा। उन्होंने कहा कि हमारा वित्तीय घाटा जो फरवरी 2020 के दौरान 3.5 प्रतिशत से शुरू हुआ था, वह जीडीपी के 9.5 प्रतिशत तक बढ़ गया है, क्योंकि हमने केवल और केवल खर्च किया है। साथ ही हमने घाटे के प्रबंधन के लिए एक स्पष्ट रास्ता बनाया है। सरकार इसे कम करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में हमारा मुख्य फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ सेक्टर को लेकर था। इस बार के बजट में कुल 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि जो कृषि सेस लाया गया है, उससे आम लोगों पर कम ही भार पड़ेगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोराना काल में सरकार का फोकस सिर्फ खर्च करने पर रहा, आम लोगों को अधिक से अधिक मदद पहुंचाई गई। यही कारण रहा कि इस बार राजकोषीय घाटा इतना अधिक बढ़ गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजकोषीय घाटे पर कहा कि सरकार की ओर से लगातार ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे इसकी भरपाई लगातार की जाएगी। उन्होंने ने कहा कि अगर सरकार खर्च पर फोकस कर रही है, तो उसका साफ असर रोजगार बढ़ने पर होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कस्टम ड्यूटी काफी चीज़ों में बढ़ाया गया है, लेकिन जो सेस लगाया गया है उससे आम लोगों पर असर नहीं पड़ेगा। निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कारोबार बढ़ाने के लिए, पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम भी किया गया है। ऐसे में आम लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उसका फायदा ही होगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवासी मजदूरों को लेकर बनने वाले पोर्टल पर बताया गया कि कोरोना काल में जिस तरह की परेशानियां हुई, उसको ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। मजदूरों को मिलने वाली सुविधाओं और उनको आने वाली दिक्कतों को यहां के जरिए दूर किया जाएगा।
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