Emergency Fund करें आसानी से तैयार, जानिए क्यों है जरूरी
नई दिल्ली, सितंबर 9। मुसीबतें कभी भी लोगों को बता कर नहीं आती है। हमें कब अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए कह नही सकते हैं। जैसे अचानक नौकरी चली जाना, मेडिकल इमरजेंसी आ जाना आदि। इन इमरजेन्सी के समय के लिए हमे कुछ पैसों को बचा कर इमरजेंसी फंड के रूप में रखना चाहिए। इसका सबसे बड़ा लाभ ये है कि जरूरत के व्यक्त आपकी दूसरी बचत में किसी प्रकार को आंच नहीं आती है तो फिर चलिए हम आपको बताते है कि आप इमरजेंसी फंड को कैसे बना सकते है और उसको बरकरार रख सकते है।
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इमरजेन्सी किस तरह की हो सकती है
शॉर्ट टर्म इमरजेंसी जैसे अचानक घर पर रिपयेरिंग का काम निकल जाना, ट्रैवल के समय गाड़ी खराब हो जाना, माइनर सर्जरी आदि। लॉन्ग टर्म इमरजेन्सी जैसे मेडिकल या फैमिली प्रोब्लम के चलते काम से लंबा ब्रेक, नौकरी चली जाना, प्राकृतिक आपदा से घर को नुकसान आदि।
इमरजेंसी के लिए कितनी राशि निकाले
सामान्य तौर पर आपको इमरजेन्सी फंड में इतनी राशि तो बचाना चाहिए की आप अपने परिवार का 7 से 8 महीने तक खर्चो की पूर्ति कर सके। कभी ऐसी हालत हो जाए की व्यक्त में खर्चो की पूर्ति न हो पाए तो आय का कोई साधन भी न हो तो ये फंड आपके घर के खर्च को चलाने के लिए आपकी सहायता कर सके। मेडिकल इमरजेन्सी में ये फंड आपकी बहुत हद तक आपकी मदद कर सकता है।
इमरजेन्सी फंड किधर जमा करें
इमरजेन्सी फंड यानी मुसीबत के समय ये पैसे आपकी बिना देरी किए तुरंत सहायता हो सके। इसी वजह से आप इन फंड को लिक्विड फॉर्म में रखें और इन पैसों को इस वित्तीय प्रॉडक्ट में लगाए। जिसको आवश्यकता पड़ने में आसानी से और तुरंत ही निकाल सको और आपको एक बेहतर रिटर्न भी मिले। उदाहरण से समझते है जैसे की बचत खाते में, स्वीप इन फिक्स्ड डिपॉजिट में, कैश के फॉर्म में या फिर लिक्विड म्यूचुअल फंड में। कैश रूपये की जरूरत कुछ परिस्थितियां ऐसी हो सकती हैं।
ऐसा कहना फिर कर लेंगे नुकसानदायक
किसी भी कार्य को टालना एक अच्छी बात नहीं है और इमरजेसी फंड के मामले में टालमटोल बेहद ही नुकसान दायक हो सकता है। जितना अधिक जल्दी हो उसे खोल ले ये प्रयास करें कि हर महीने आपकी बचत का एक हिस्सा इमरजेंसी फंड में जरूर डाले को कोशिश करें की बाकी पैसों से घर का खर्चा मैनेज करें तो इस पैसों का उपयोग न करें।