PPF : क्या मैच्योरिटी पर पैसा निकालना है जरूरी, जानिए क्या है नियम
PPF investent: भारत में आज के समय में निवेश के कई ऑप्शन उपलब्ध हैं। तमाम निवेश विकल्पों मे से आज भी लोग सरकारी स्कीम (Government Scheme) में पैसे इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और किसी निवेश विकल्प की तालाश में हैं तो आप पीपीएफ (Public Provident Fund) में निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं। पीपीएफ में निवेशक एक साथ 15 साल के लिए निवेश कर सकते हैं। पीपीएफ में निवेश के दो फायदे हैं एक तो इसपर आकर्षक ब्याज मिलता है और दूसरा यह टैक्स में भी छूट प्रदान करता है। कम जोखिम लेने वाले लोग बेहतर रिटर्न और भविष्य की जरूरतों के बचत के लिए पीपीएफ में निवेश करते हैं।
मैच्योरिटी के बाद निकाल सकते हैं पैसे
पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम का मैच्योरिटी में निवेश का मैच्योरिटी पिरियड 15 साल का होता है। (Public Provident Fund Maturity Period) जब आप 15 साल तक निवेश कर लेते हैं तो आपको अपने बैंक में एप्लीकेशन देकर जानकारी देनी होती है की आपका पीपीएफ निवेश मैच्योर हो चुका है। इसके साथ ही आपको एक एप्लीकेशन फॉर्म के साथ एक कैंसेल्ड चेक जमा करना होगा। बैंक आपकी सारी डिटेल वेरिफाई कनरे के बाद पीपीएफ की राशी को आपके दिए गए सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर देगा। यह ध्यान रखें की डिटेल भरते समय कोई गलती न करें।
मैच्योरिटी के बाद भी बढ़ा सकते हैं निवेश का पिरियड
सभी निवेशकों को यह पता होना चाहिए की अगर निवेशक पीपीएफ स्कीम (PPF Scheme) की मैच्योरिटी पिरियड पूरी होन के बाद से निवेश जारी रखते हैं तो आप ऐसा कर सकते है। सरकार निवेशक को 5-5 साल के लिए निवेश अवधि बढ़ाने की अनुमती देती है, लेकिन ऐसा करने के लिए निवेशकों को कुछ शर्तों का पालन करना पड़ेगा। ऐसा करने के लिए आपको मैच्योरिटी पिरियड पूरा होने से पहले आपको एप्लिकेशन लिखकर जानकारी देनी होगी।