Power Ministry : बिजली की पीक डिमांड में आई 5.6 फीसदी की गिरावट
नयी दिल्ली। ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बिजली की पीक डिमांड जुलाई में 2.61 फीसदी घटी थी। इसके बाद अगस्त के पहले 2 हफ्तों में बिजली की पीक डिमांड में गिरावट बढ़ कर 5.6 फीसदी रही। अगस्त के पहले दो सप्ताह (पखवाड़े) में बिजली की पीक डिमांड 167.49 गीगावॉट थी, जो अगस्त 2019 में दर्ज की गई 177.52 गीगावॉट से 5.65 प्रतिशत कम रही। वहीं इस साल जुलाई में बिजली की पीक डिमांड 170.54 गीगावॉट दर्ज की गई, जो पिछले साल के इसी महीने में रही 175.12 गीगावॉट के मुकाबले 2.61 प्रतिशत कम थी।
मई से बिजली की मांग स्थिर
इंडसट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन में ढील देने के बाद बिजली की मांग इस साल मई से स्थिर हो रही है। सरकार ने 25 मार्च 2020 को कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन लगा दिया था। इसके परिणामस्वरूप बिजली की कमर्शियल और औद्योगिक मांग कम रही थी। अप्रैल में बिजली की मांग में करीब 25 फीसदी की गिरावट आई थी। अधिक कमर्शियल और औद्योगिक गतिविधियों के लिए लॉकडाउन में ढील के बाद मई से बिजली की मांग बढ़ी है।
मांग सामान्य स्तर पर पहुंचने की उम्मीद
मई के बाद से बिजली की मांग में उछाल ने उम्मीद जताई कि देश में अगस्त के बाद से ये सामान्य स्तर (पिछले साल के इसी महीने में दर्ज) को छू लेगी। जानकार कहते हैं कि बिजली की खपत साथ ही मांग के सामान्य स्तर (पिछले साल इसी महीने की खपत और मांग) को छूने की उम्मीद है। बाकी सटीक स्थिति का अगस्त के अंत के बाद ही जाना जाएगा जब पूरा मासिक डेटा उपलब्ध होगा। जून 2019 में 182.45 गीगावॉट की तुलना में इस साल जून में बिजली की पीक डिमांड 9.6 प्रतिशत घटकर 164.98 गीगावॉट रह गई थी।
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