Auto सेक्टर और Drone स्कीम के लिए पीएलआई को हरी झंडी, जानिए डिटेल
नई दिल्ली, सितंबर 15। देश में इलेक्ट्रिक वाहन और हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ऑटोमोबाइल क्षेत्र और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए 26,000 करोड़ रुपये की प्रोडक्ट-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी। केंद्र सरकार ने इस योजना को 57,043 करोड़ रुपये से घटा कर लगभग 26,000 करोड़ रुपये कर दिया है। इस योजना को एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजीज पर ध्यान देने के लिए मोडिफाई किया गया है। पेट्रोल, डीजल और सीएनजी वाहन निर्माता इस योजना के तहत कवर नहीं होंगे।
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क्या होगा फायदा
ये पीएलआई स्कीम भारत में एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजीज की वैश्विक सप्लाई चेन को बढ़ावा देगी। इससे 7.6 लाख से अधिक लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगार सृजन होंगे। उद्योग को पांच वर्षों में 26,058 करोड़ रुपये का इंसेंटिव ऑफर किया जाएगा। ड्रोन पीएलआई योजना के लिए 120 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। पीएलआई योजना पांच वर्षों में 42,500 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश और 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का इंक्रीमेंटल प्रोडक्शन लाएगी।
कंपनियां करेंगी निवेश
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार चैंपियन ऑटो कंपनियों को पांच साल में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा, जबकि दोपहिया और तिपहिया वाहनों को 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। पीएलआई योजना के तहत कम्पोनेंट निर्माताओं को पांच वर्षों में 500 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। सरकार को भारतीय ड्रोन उद्योग में 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। 1,000 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति वाले नए नॉन-ऑटोमोटिव निवेशक इस योजना के लिए पात्र होंगे।
22 कम्पोनेंट होंगे कवर
ऑटो कंपोनेंट पीएलआई योजना के तहत, कुल 22 कम्पोनेंट को कवर किया जाएगा। इनमें फ्लेक्स फ्यूल किट, हाइड्रोजन फ्यूल सेल, हाइब्रिड एनर्जी स्टोरेज सिस्टम और इलेक्ट्रिक वाहनों के पुर्जे, जिसमें चार्जिंग पोर्ट, ड्राइव ट्रेन, इलेक्ट्रिक वैक्यूम पंप और इलेक्ट्रिक कम्प्रेसर शामिल हैं। साथ ही सनरूफ और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल भी इसमें कवर होंगे।