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PF : पैसा निकालने के बदले नियम, तुरंत मिल सकते हैं 1 लाख रु

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नई दिल्ली, जुलाई 25। वे कर्मचारी जो कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के लिए रजिस्टर्ड हैं, उनके लिए एक बेहद अच्छी खबर है। दरअसल ये कर्मचारी अब मेडिकल एडवांस के रूप में अपने पीएफ खाते से तुरंत 1 लाख रुपये निकालने के लिए पात्र हैं। ये पैसा इमरजेंसी मेडिकल ट्रीटमेंट या अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के लिए निकाला जा सकता है। अच्छी बात यह है कि कर्मचारियों को पैसा निकालने से पहले उस अस्पताल में भर्ती होने के खर्च या प्रोसेस के बारे में कोई अनुमान देने की आवश्यकता नहीं है। इस बात की जानकारी ईपीएफओ की तरफ से जारी किये गये एक सर्कुलर में दी गयी है।

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कौन-कौन होगा शामिल

कौन-कौन होगा शामिल

सर्कुलर के अनुसार यह एडवांस सेंट्रल सर्विसेज मेडिकल अटेंडेंट (सीएस (एमए)) नियमों के तहत आने वाले कर्मचारियों के साथ-साथ केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के दायरे में आने वाले कर्मचारियों पर भी लागू होता है। ईपीएफओ की तरफ से कहा गया है कि जानलेवा बीमारियों में कई बार मरीज की जान बचाने के लिए आपात स्थिति में उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना अनिवार्य हो जाता है और ऐसी स्थिति में अस्पताल में होने वाले खर्च का अनुमान लगाना संभव नहीं हो पाता है। इसलिए अनुमानित खर्च बताने की जरूरत इस स्थिति में नहीं होगी।

आईसीयू के खर्च का अनुमान लगाना मुश्किल

आईसीयू के खर्च का अनुमान लगाना मुश्किल

ईपीएफओ के मुताबिक कभी-कभी मरीज कर्मचारी को आईसीयू में ले जाने की जरूरत पड़ सकती है, जहां अनुमान पहले से ज्ञात नहीं होता। इसलिए कोविड सहित दूसरी गंभीर जानलेवा बीमारी के कारण इमरजेंसी में अस्पताल में भर्ती होने के लिए मेडिकल एडवांस देने के लिए एक आसान प्रोसेस अपनाई जा सकती है। यहां हम आपको उस प्रोसेस के बारे में बताएंगे।

कहां होना चाहिए भर्ती

कहां होना चाहिए भर्ती

मरीज को नियमानुसार किसी सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/सीजीएचएस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होना चाहिए। यदि किसी आपात स्थिति के कारण रोगी को किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तो वे संबंधित प्राधिकारी से अपील कर सकते हैं कि वे अपने इस मामले को नियमों में छूट दें ताकि मेडिकल बिलों की अदायगी की जा सके। ऐसे में निजी अस्पतालों को भी एडवांस दिया जा सकता है। इसके बाद कर्मचारी या परिवार के किसी सदस्य को एडवांस का क्लेम करने के लिए रोगी की तरफ से एक लेटर पेश करना होगा। इसमें अनुमानित खर्च बताने की जरूरत नहीं, मगर अस्पताल और रोगी की डिटेल देनी होगी।

अस्पताल के खाते में आएगा पैसा

अस्पताल के खाते में आएगा पैसा

इसके बाद 1 लाख रुपये तक का मेडिकल एडवांस संबंधित प्राधिकारी रोगी या परिवार के सदस्य को दे सकता है या ट्रीटमेंट प्रोसेस शुरू करने के लिए सीधे अस्पताल के खातों में भी ये रकम जमा की जा सकती है। यह एडवांस उसी वर्किंग डे पर तुरंत दिया जाना चाहिए। अगर ऐसा न हो तो आवेदन प्राप्त होने के बाद अगले वर्किंग डे पर पैसा दिया जाएगा।

जानिए बाकी जरूरी नियम

जानिए बाकी जरूरी नियम

ध्यान रहे कि अगर खर्च 1 लाख रु से अधिक आता है तो और भी एडवांस मिल सकता है, बशर्ते यह ईपीएफओ की निकासी के नियमों में आता हो। एक और अहम बात कि अस्पताल से छुट्टी के बाद कर्मचारी या परिवार के किसी सदस्य द्वारा 45 दिनों के भीतर अस्पताल के बिल जमा कराने होंगे।

English summary

PF Rules instead of withdrawing money you can get Rs 1 lakh immediately

Employees are not required to provide an estimate of the cost or process of that hospitalization before withdrawing the money.
Story first published: Sunday, July 25, 2021, 13:07 [IST]
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